भोपाल। आंध्र प्रदेश के तिरुपति मंदिर के लड्डू प्रसाद में पशुओं की चर्बी के इस्तेमाल को लेकर खड़े हुए विवाद के बीच मध्य प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं प्रदेश के पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने उज्जैन के महाकाल के लड्डू प्रसाद की भी जांच कराने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि जांच करके यह देखा जाना चाहिए कि कहीं उज्जैन के महाकाल मंदिर में भी उसी तरह का घी का तो प्रयोग नहीं किया जा रहा है, जो आंध्र प्रदेश के तिरुपति मंदिर में उपयोग किया गया है।
मीडिया से बातचीत में पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने यह मांग करते हुए आरोप लगाया कि तिरुपति मंदिर में अमानक लड्डू प्रसाद के लिए आंध्र प्रदेश की चंद्रबाबू नायडू सरकार दोषी है, जिसने इस तरीके का टेंडर निकाला, जिसमें 350 रुपये किलोग्राम के रेट से घी खरीदकर लड्डू प्रसाद बनाने में प्रयोग किया गया। सवाल यह है कि आखिर इतने में शुद्ध घी कैसे मिलेगा। शुद्ध घी की कीमत बाजार में एक हजार से लेकर 1200 रुपये तक है।
मंत्री सारंग बोले- यह अंतरराष्ट्रीय साजिश
वहीं, तिरुपति मंदिर के अमानक लड्डू प्रसाद मामले में मध्य प्रदेश के खेल एवं युवा कल्याण मंत्री विश्वास सारंग ने भी बयान दिया। मीडिया से बातचीत में मंत्री सारंग ने आंध्र प्रदेश की पूर्ववर्ती जगन मोहन रेड्डी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि तिरुपति बालाजी मंदिर करोड़ों हिंदुओं के आदर व श्रद्धा का केंद्र है। वहां के लड्डू प्रसाद में मिलावट करना, अंतरराष्ट्रीय साजिश मालूम पड़ती है। हमें यह सोचना पड़ेगा कि जगन मोहन रेड्डी ने ऐसा क्यों किया?
मंत्री सारंग ने विपक्षी दल कांग्रेस को भी लगे हाथ लपेटा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस इस तरह के कृत्य को संरक्षण क्यों दे रही है, यह भी विचारणीय है। आरोप लगाया कि कांग्रेस और विपक्ष के नेता हिंदू धर्म और देवी-देवताओं का लगातार अपमान करते रहे हैं।