चार दशक का करियर, 80 से ज्यादा फिल्में, हिंदी फिल्म इंडस्ट्री की एकमात्र एक्ट्रेस, जिन्होंने बेस्ट एक्ट्रेस के पांच फिल्मफेयर अवॉर्ड अपने नाम किए। वो भी उम्र के उस पड़ाव पर, जब उस दौर में एक्ट्रेसेस का करियर खत्म होने की कगार पर माना जाता था, तब भी वो हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में अपना परचम लहरा रही थीं। इतना सफल करियर, इतनी ऊंची उड़ान, तब भी नूतन को समाज के दिए दर्द से गुजरना पड़ा, ताने सुनने पड़े। जिसे आज के जमाने में 'बॉडी शेमिंग' कहा जाता है, उन्हें भी इस तंज से दो-चार होना पड़ा। कहते हैं कि लोग उनका मजाक उड़ाते हुए कहते थे कि अगर नूतन को चित्रित करना है तो एक लकीर खींच दो! उनकी तुलना अगरबत्ती से होती थी!! पर उन्होंने अपने शानदार काम और करियर से इन लोगों की बोलती बंद कर दी थी। आइये आज उनकी बर्थ एनिवर्सिरी और हमारे वीकली सेगमेंट 'ट्यूजडे तड़का' में शानदार एक्ट्रेस नूतन के बारे में कुछ दिलचस्प किस्से जानते हैं।
नूतन का जन्म एक मराठी परिवार में हुआ था। वह निर्देशक/कवि कुमारसेन समर्थ और उनकी एक्ट्रेस पत्नी शोभना समर्थ की चार संतानों में सबसे बड़ी थीं। उनकी छोटी बहन तनुजा, काजोल की मां भी एक्ट्रेस हैं। जब वह बच्ची थी, तब उनके माता-पिता अलग हो गए थे। जब उनसे उनके पिता के बिना रहने के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा था, 'मेरे माता-पिता अलग हो गए और मैं अपने पिता से बहुत कम ही मिलती थी। उनके मरने से कुछ महीने पहले, जब वह बीमार थे, मैं उनके करीब थी। काश मैंने उनके साथ और समय बिताया होता। यह एक ऐसा पछतावा और अपराधबोध है, जिसे मैं कभी नहीं भूल सकती। न केवल इसलिए कि मैं वह बेटी नहीं बन पाई जो मैं बनना चाहती थी, बल्कि इसलिए भी कि मैं अपने जीवन के और साल इतने गर्मजोशी से भरे, देखभाल करने वाले और प्रतिभाशाली व्यक्ति के साथ नहीं बिता पाने के कारण बहुत बड़ी क्षति महसूस कर रही थी। वह मेरे जीवन को बहुत समृद्ध बना सकते थे'।
पिता से ज्यादा मां के करीब थीं नूतन
वह अपनी मां के बहुत करीब थी। उन्होंने कहा, 'मुझे शोभना समर्थ की बेटी के रूप में पहचाने जाने पर गर्व नहीं था, बल्कि खुशी थी। एक बार स्कूल शो के दौरान एक टीचर जो मुझे तैयार कर रही थी, उसने अचानक कहा, 'तुम शोभना समर्थ जैसी दिखती हो। क्या तुम उनके किसी रिश्ते में हो?' मैंने हकलाते हुए कहा, 'व..व.. वह मेरी मां हैं।' सालों बाद, मेरी मां की मुलाकात यूरोप में किसी से हुई, जिसने उनसे पूछा कि क्या वह नूतन नाम की इंडियन एक्ट्रेस से किसी रिश्ते में हैं!
14 की उम्र में करियर शुरू, दुबले-पतले होने का खूब उड़ा मजाक
Nutan ने 14 साल की उम्र में फिल्म 'हमारी बेटी' से अपने करियर की शुरुआत की थी और 17 साल की उम्र तक वह इंडस्ट्री में एक जाना-माना नाम बन चुकी थीं। लेकिन कुछ फिल्में करने के बाद वह स्विट्जरलैंड में पढ़ाई करने चली गईं। हालांकि, जब वह वहां से लौटीं तो उन्हें फिल्मों के ऑफर मिल रहे थे। उन्होंने बताया, 'मैं बहुत पतली थी और इंडस्ट्री में एक मजाक था कि अगर आप नूतन को चित्रित करना चाहते हैं, तो बस एक सीधी रेखा खींचें। मेरी मां को यह भी डर था कि शायद मुझे टीबी हो। इसलिए 17 साल की उम्र में, इस तथ्य के बावजूद कि मेरे पास बहुत सारी फिल्मों के ऑफर थे, मेरी मां ने मुझे स्विटजरलैंड के एक स्कूल में भेज दिया।'
स्विटजरलैंड में नूतन ने खुद पर की मेहनत
नूतन ने बताया था, 'स्विटजरलैंड में बिताया गया एक साल मेरे जीवन का सबसे सुखद साल था। मैं खेल सकती थी, पढ़ सकती थी, आजाद हो सकती थी और अपनी टीनएज में जो कुछ भी नहीं कर पाई थी, उसे पूरा कर सकती थी। मैंने एक सेक्रेटेरियल कोर्स किया, जो कई गुना फायदेमंद साबित हुआ। मैं अपनी टाइपिंग, अकाउंट्स, टैक्स से जुड़े मामले, अपने पैसों के मामलों को ठीक रखने के लिए जरूरी हर काम करती हूं। मैंने फ्रेंच सीखी, जिसे मैं अभी भी बोल और लिख सकती हूं। जब मैं भारत लौटी, तो मेरा वजन 40 पाउंड ज़्यादा हो गया था और फिर एक शानदार दौर शुरू हुआ।'
भारत लौटीं और फिर किया शानदार कमबैक
भारत वापस आने के बाद नूतन फिर से फिल्मों में लौट आईं और फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। उनके नाम अभी भी बेस्ट एक्ट्रेस के लिए सबसे ज्यादा फिल्मफेयर अवॉर्ड जीतने का रिकॉर्ड है। 30 साल बाद 2011 में ही उनकी भतीजी काजोल ने भी इस श्रेणी में 5 अवॉर्ड जीतकर उनकी बराबरी की। वह जया बच्चन के बाद सबसे ज्यादा अवॉर्ड जीतने वाली फीमेल एक्ट्रेस हैं, जिन्होंने एक्टिंग के लिए 6 अवॉर्ड जीते हैं। 1974 में उन्हें पद्म श्री से सम्मानित किया गया था।
नूतन ने सफलता का श्रेय किस्मत को दिया
लेकिन, सब कुछ होने के बावजूद, उन्होंने कभी भी अपने ऊपर हावी नहीं होने दिया। उन्होंने कहा था, 'मुझे जीवन में बहुत कुछ बहुत पहले ही मिल गया था। मुझे लगता है कि मैंने सही समय पर सब कुछ हासिल कर लिया है, लेकिन मैं इसे कई लोगों की तुलना में थोड़े ज़्यादा समय तक बनाए रखने में कामयाब रही हूं। एक्ट्रेस या एक्ट्रेसेस के मामले में, यह 15 साल के समय में फीका पड़ जाता है या किसी दूसरी श्रेणी में चला जाता है। मैं 30 से ज़्यादा सालों तक लीड एक्ट्रेस रही और मेरा बदलाव धीरे-धीरे और सहज रहा। हां, मुझे अचीवमेंट का अहसास होता है, लेकिन इसका क्रेडिट पूरी तरह से मुझे नहीं जाता है। इसमें किस्मत का बहुत बड़ा हाथ था। हालांकि, मुझे ये स्वीकार करना चाहिए कि मेरे लिए ये आसान रहा है।'
जब नूतन ने संजीव कुमार को जड़ा था थप्पड़
लेकिन एक अभिनेत्री के रूप में उनका जीवन विवादों से अछूता नहीं रहा। उन्होंने एक बार एक्टर संजीव कुमार को थप्पड़ मारा था, क्योंकि वह उनके कथित रिश्ते के बारे में बयान दे रहे थे। घटना के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा था, 'संजीव कुमार को थप्पड़ मारना एक बहुत चर्चित घटना बन गई। उन्होंने एक बहुत ही लापरवाह, गैरजिम्मेदाराना बयान दिया कि उनका अफेयर है और इससे मैं बहुत क्रोधित हो गई। मेरा नाम कभी भी किसी घोटाले से नहीं जुड़ा और जब उन्होंने जो कहा, मैं उससे बहुत नाराज हो गई। मुझे उन्हें उनकी जगह पर रखना था। जब मैंने जो कहना था, कह दिया, तो मैं शांत हो गई और कहा, 'चलो लव सीन खत्म करते हैं,' और हमने ऐसा किया।'
नौसेना अफसर रजनीश बहल से की शादी
11 अक्टूबर 1959 को नूतन ने नौसेना के लेफ्टिनेंट कमांडर रजनीश बहल से शादी की। 1961 में दोनों का एक बेटा मोहनीश बहल हुआ। हालांकि, उन्होंने घोषणा की थी कि वे अपनी शादी के बाद फिल्मों में वापस नहीं आएंगी, लेकिन अपने पति के आग्रह पर वे वापस आ गईं। उन्होंने कहा था, 'मैंने सोचा था कि 'सुजाता' मेरी आखिरी फिल्म होगी, क्योंकि मैं शादी करने जा रही थी और स्वाभाविक रूप से मुझे लगा कि घर और परिवार को प्राथमिकता दी जाएगी। लेकिन रजनीश ने कहा, 'अगर तुम एक चित्रकार या लेखिका होती, तो मैं तुम्हें अपना काम बंद करने के लिए नहीं कहता और मैं ऐसा नहीं करूंगा, हालांकि तुम एक अभिनेत्री हो। हर तरह से जारी रखो, लेकिन कम फिल्में करो, अपनी भूमिकाएं चुनो।' नौसेना अधिकारी की पत्नी होना एक अलग अनुभव था। मैं शायद ही कभी लोगों से मिलती-जुलती थी या फिल्म पार्टियों में जाती थी। शादी से पहले हम सिर्फ काम और घर पर थे। लेकिन अब, हमारे पास नौसेना का जहाज, पार्टियां और भी बहुत कुछ था। हमारा मिलना-जुलना बढ़ गया। लगभग हर रात हम बाहर होते थे।'
ब्रेस्ट कैंसर ने 54 की उम्र में ले ली जान
1991 में नूतन को ब्रेस्ट कैंसर हुआ। नूतन ने फिल्मों के लिए साइनिंग अमाउंट वापस कर दिया और 'गर्जना' के मेकर्स से कहा कि वो जल्द ही उनके हिस्से के गाने पूरे कर दें। 21 फरवरी 1991 तक उनका कैंसर फेफड़ों तक फैल चुका था और 54 साल की उम्र में उन्होंने आखिरी सांस ली।