सभी बच्चों को मिले औपचारिक शिक्षा
रिपोर्ट में कहा गया है कि आरटीआई एक्ट के तहत सभी बच्चों को औपचारिक शिक्षा मिले, यह सुनिश्चित करना राज्य का कर्तव्य है। एनसीपीसीआर ने इस बात पर जोर दिया कि केवल बोर्ड या यूडाइस कोड होने का मतलब यह नहीं है कि मदरसे आरटीआई एक्ट का पालन करते हैं।
'सरकारी फंडिंग बंद करनी चाहिए'
एनसीपीसीआर ने सिफारिश की है कि मदरसों और मदरसा बोर्ड को मिलने वाली सरकारी फंडिंग बंद कर दी जाए। उत्तर प्रदेश के संबंध में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अधीन इन बोर्डों को बंद कर देना चाहिए।
आयोग ने यह भी सिफारिश की कि गैर-मुस्लिम बच्चों को मदरसों से निकालकर आरटीआई एक्ट के अनुसार औपचारिक स्कूलों में दाखिला कराया जाए। इसमें यह भी सुझाव दिया गया है कि फिलहाल मदरसों में पढ़ रहे मुस्लिम बच्चों को औपचारिक स्कूलों में दाखिला दिलाया जाए ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि उन्हें निर्धारित शिक्षा और पाठ्यक्रम मिले।