नीमच: जिले के कलेक्टर हिमांशु चंद्रा और एसपी अंकित जायसवाल ने संयुक्त रूप से शहर में काली फिल्म लगाकर घूमने वाले चार पहिया वाहनों पर कार्रवाई के निर्देश दिए। इसके पालन में शनिवार देर रात करीब 10 बजे आरटीओ व यातायात विभाग का अमला मैदान में उतर आया।
सबसे पहले शहर के बस स्टैंड पर ताबड़तोड़ कार्रवाई शुरु की गई। पैसेंजर बसों के दस्तावेज जांचना शुरु किए। इसके साथ ही ड्राइवर व कंडक्टर को वर्दी पहनने की हिदायत दी। इसके बाद संयुक्त रूप से रास्ते से गुजरने वाली कार के शीशों पर लगी काली फिल्म पर कार्रवाई करना शुरु किया। कार के चालान भी बनाए गए।
कलेक्टर-एसपी के आदेश पर कार्रवाई
एसपी अंकित जायसवाल तथा कलेक्टर हिमांशु चंद्रा के निर्देश पर यातायात थाना प्रभारी उर्मिला चौहान व सूबेदार धर्मेंद्र सिंह गौर के नेतृत्व में यह कार्रवाई की गई। इसके साथ ही बसों के दस्तावेज भी जांचे गए। यातायात पुलिस ने अभियान के तौर पर चार पहिया वाहनों से काली फिल्म उतरवाकर चालान बनाए गए।
यातायात थाना प्रभारी उर्मिला चौहान ने बताया कि एसपी अंकित कुमार जायसवाल के निर्देश पर शहर में कारों पर लगी काली फिल्मों के खिलाफ मुहिम चलाई गई। चार पहिया वाहनों में काली फिल्म लगी होने से अंदर बैठे व्यक्ति की पहचान करना असंभव हो रहा था। ऐसे में कई बार कुछ बड़ी व गंभीर घटनाएं भी घटित होती हैं। इन्हीं सब को लेकर पुलिस अधीक्षक के आदेश पर यातायात पुलिस ने चार पहिया वाहनों की काली फिल्म उतारने का अभियान चलाया है।नंबर प्लेट को लेकर भी काटे चालान
इसके साथ ही वाहनों पर नंबर प्लेट नहीं होना या विधिवत नंबर प्लेट नहीं होने से कई बार वाहनों को ट्रेस करना मुश्किल होता है। विधिवत नंबर प्लेट नहीं होने पर उनके विरुद्ध भी चालानी कार्यवाही की जा रही है। इसके साथ-साथ शराब पीकर वाहन चलाने वाले चालकों के खिलाफ पुलिस लगातार कार्रवाई कर रही है। बसों के परमिट, फिटनेस सहित अन्य दस्तावेजों की जांच की गई।टेंपों जब्त
कार्रवाई के दौरान एक टेंपों में 15 से ज्यादा छोटे बच्चों को बैठा पाया गया। उनके साथ दो शिक्षिकाएं भी थी। टेंपों पूरा खचाखच भरा था। ऐसे में बच्चों को बैठने में परेशानी हो रही थी। यातायात पुलिस ने मानवता दिखाते हुए अपने वाहन से बच्चों को घर छुडवाया। आरटीओ अधिकारी ने टेंपो जब्त करने के निर्देश दिए। बताया जा रहा है कि टेंपों बघाना से बाग पिपलिया जा रहा था।शराबियों ने बदले रास्ते
सड़क पर चेकिंग के दौरान जब शराबी पहुंचे तो उन्होंने पुलिस को देख अपनी राह बदल ली। 2 से 3 शराबी ऐसे थे, जिन्हें बस स्टैंड जाना था लेकिन पुलिस को सड़क पर देख वह चेकिंग प्वॉइंट से कुछ देर पहले ही रेलवे स्टेशन की तरफ मुड़ गए।