महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और शिवसेना (यूबीटी) चीफ उद्धव ठाकरे ने बुधवार (7 अगस्त) को दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि जनता की अदालत सबसे बड़ी है। बांग्लादेश में जनता की अदालत का फैसला हुआ है। वहां की घटना ने पूरी दुनिया को मैसेज दिया है कि जनता सबसे ऊपर है। सरकार को लोगों के धैर्य की परीक्षा नहीं लेनी चाहिए।
उद्धव ने कहा कि अगर बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमले हो रहे हैं, तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कदम उठाना चाहिए। बांग्लादेश में हिंदुओं की रक्षा करना केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है। भारत ने ही बांग्लादेश को आजादी दिलाई थी।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा के लोग कहते थे कि प्रधानमंत्री मोदी रूस-यूक्रेन के बीच युद्ध रोक सकते हैं। फिर मोदी को बांग्लादेश में भी हिंसा रोकनी चाहिए। भले ही मोदी मणिपुर नहीं जा सकें, लेकिन उन्हें और अमित शाह को बांग्लादेश जाना चाहिए।
उद्धव ने आगे कहा कि हमें देखना होगा कि दूसरे देशों में क्या हो रहा है। बांग्लादेश से पहले इजराइल और श्रीलंका में भी इसी तरह का विरोध-प्रदर्शन देखा गया था। आरक्षण के मुद्दे पर भारत में बांग्लादेश जैसे हालात ना हो, इसके लिए सरकार को संसद में बातचीत करनी चाहिए।
खुर्शीद बोले- बांग्लादेश जैसी हिंसा भारत में भी हो सकती है
इससे पहले कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने मंगलवार (6 अगस्त) को कहा था कि बांग्लादेश में जो हिंसक प्रदर्शन हो रहे हैं, वह भारत में भी हो सकता है। खुर्शीद ने एक किताब की लॉन्चिंग के दौरान ये बयान दिया। इस कार्यक्रम में शशि थरूर भी मौजूद थे।
भाजपा ने खुर्शीद के इस बयान की आलोचना की। भाजपा सांसद राजीव प्रताप रूडी ने खुर्शीद की टिप्पणी को अराजकतावादी करार दिया। रूडी ने कहा, "खुर्शीद कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सदस्य होकर भी ऐसे अराजकतावादी बयान दे रहे है। यह एक तरह का देशद्रोह है।"
भाजपा सांसद संबित पात्रा ने कहा कि खुर्शीद ने बांग्लादेश में अशांति एक गंभीर मुद्दा है। कांग्रेस भारत में भी पड़ोसी देशों जैसी स्थिति देखना चाहती है। कांग्रेस पार्टी की सोच क्या है? राहुल गांधी कहते थे इस देश में आगजनी और दंगे होंगे, पीएम पर हमले होंगे, ऐसा क्यों कह रहे थे?
खुर्शीद बोले- जो भी कहता हूं, पब्लिकली कहता हूं
खुर्शीद ने बुधवार (7 अगस्त) को कहा कि मैं जो भी कहता हूं, पब्लिक में कहता हूं। प्राइवेट में नहीं। शशि थरूर से जब मीडिया ने खुर्शीद के बयान पर जवाब मांगा तो उन्होंने कुछ भी कहने से मना कर दिया। थरूर ने कहा कि खुर्शीद का क्या मतलब था, इसका ठीक-ठीक जवाब वही दे सकते हैं। दूसरों की टिप्पणियों पर टिप्पणी करना मेरा काम नहीं है।