कोण्डागांव। कलेक्टर कुणाल दुदावत ने माकड़ी में आयोजित मांझी, चालकी, पुजारी एवं गायता की बैठक में बस्तर की समृद्ध एवं पारंपरिक आदिवासी कला एवं संस्कृति को संरक्षित रखने के लिए राज्य शासन द्वारा प्रारंभ की जा रही महोत्सव बस्तर पंडुम 2025 में उत्साह के साथ भागीदारी निभाने की अपील की। उन्होंने कहा कि महोत्सव में जनजातीय नृत्य, गीत, नाट्य और वाद्ययंत्र शामिल हैं। साथ ही पारंपरिक वेशभूषा, आभूषण, शिल्प-चित्रकला और जनजातीय व्यंजन भी प्रदर्शित किए जाएंगे। यह बस्तर की समृद्ध संस्कृति के संरक्षण के साथ ही युवाओं को अपने प्रतिभा को दिखाने का भी एक अच्छा अवसर है।
प्रतिभागियों के प्रदर्शन का मूल्यांकन मौलिकता, पारंपरिकता और प्रस्तुति के आधार पर किया जाएगा। विजेताओं के चयन के लिए एक विशेष समिति बनाई गई है। समाज प्रमुखों, जनप्रतिनिधियों और वरिष्ठ नागरिकों को विशेष अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया है। यह महोत्सव बस्तर की समृद्ध लोककला को नई पीढ़ी से जोड़ने का माध्यम बनेगा। साथ ही इससे स्थानीय कलाकारों को अपनी प्रतिभा दिखाने का मंच मिलेगा। इस अवसर पर जिला पंचायत कार्यपालन अधिकारी अविनाश भोई, अनुविभागीय दण्डाधिकारी अजय उरांव सहित मांझी, चालकी, गायता, पुजारी उपस्थित थे।