नई दिल्ली । कर्ज के संकट से जूझ रही देश की तीसरी सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी वोडाफोन आइडिया लिमिटेड ने अपने करदाताओं से लोन रिकास्ट करने के लिए बातचीत शुरू कर दी है। इसमें भारतीय स्टेट बैंक के नेतृत्व वाला एक कंसोर्सियम भी शामिल है। वीआईएल के लोन रिकास्ट में ब्याज के भुगतान पर फिलहाल रोक लगाने, रीपेमेंट की अवधि बढ़ाने, या ब्याज दरें कम करने जैसे मसले शामिल हैं।
इस मामले से जुड़े व्यक्ति ने यह जानकारी दी है। अगर वोडाफोन आइडिया लिमिटेड लोन रिकास्ट का प्लान मंजूर होता है तो इससे टेलीकॉम कंपनी का वित्तीय दबाव कम हो सकता है। इसमें 14,000 करोड़ के कर्ज की देनदारी से कंपनी को त्वरित राहत मिल सकती है। देश के सबसे बड़े बैंक स्टेट बैंक आफ इंडिया का वोडाफोन आइडिया लिमिटेड पर करीब 11000 करोड़ का कर्ज बाकी है। जब सरकार ने टेलिकॉम कंपनियों को राहत देने का फैसला किया उसके बाद कर्ज देने वाले संस्थानों को यह भरोसा हुआ है कि टेलिकॉम कंपनी से जुड़ी अनिश्चितता अब कम हो गई है।
वोडाफोन आइडिया लिमिटेड ने कर्जदाताओं को सूचना दी है कि इन्होंने फंड जुटाने के लिए ग्लोबल इन्वेस्टर से भी बातचीत शुरू की है। इस फंड का उपयोग इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर बनाने में किया जाएगा। कर्ज में डूबी और संकटग्रस्त टेलिकॉम कंपनी वोडाफोन-आइडिया लिमिटेड के पास अब सरकारी मदद के अलावा कोई और विकल्प नहीं बचा था।
केंद्र सरकार वीआई को कोई राहत उपलब्ध कराने से पहले यह चाहती है कि कंपनी के प्रमोटर वीआई में पूंजी निवेश करें। सरकार यह प्रयास इसलिए कर रही है जिससे कि उसे भरोसा हो कि सरकारी मदद के बाद दोनों प्रमोटर कंपनी का कामकाज जारी रखने में रुचि ले रहे हैं। भारी कर्ज से जूझ रहे टेलिकॉम सेक्टर से लिए केंद्र सरकार जल्द ही राहत पैकेज जारी कर सकती है। सरकार ने कंपनी में एफडीआई के जरिए 15,000 करोड़ रुपए तक के निवेश के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।