जम्मू-कश्मीर में जल्द ही वोटिंग हो सकती है। रिपोर्ट्स की मानें तो चुनाव आयोग अगले 10 दिनों में केंद्र शासित प्रदेश का दौरा कर सकता है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 30 सितंबर 2024 से पहले जम्मू कश्मीर में चुनाव करवाने के आदेश दिए थे।
चुनाव आयोग ने जम्मू-कश्मीर प्रशासन से अपने गृह जिलों में और तीन साल से एक ही जगह तैनात अधिकारियों का ट्रांसफर करने के निर्देश दिए हैं।
चुनाव आयोग ने इसी तरह के निर्देश हरियाणा, महाराष्ट्र और झारखंड के मुख्य सचिव को भी दिए है जहां इस वर्ष के अंत में चुनाव होने हैं।
इसी साल जून में चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र, झारखंड, हरियाणा समेत जम्मू कश्मीर में वोटर लिस्ट अपडेट करने के आदेश जारी किए थे। इस काम को पूरा करने के लिए 20 अगस्त तक की डेडलाइन दी गई थी।
दिसंबर 2023 में जम्मू-कश्मीर के स्पेशल स्टेटस से जुड़ी धारा 370 से जुड़ी एक याचिका पर सुनवाई करते हुए, केन्द्र शासित प्रदेश में 30 सितंबर तक चुनाव कराने के निर्देश दिए थे। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा भी जल्द वापस दिया जाए।
जम्मू-कश्मीर में आखिरी बार 2014 में चुनाव हुए थे, BJP-PDP का अलायंस टूटा था
5 अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 खत्म कर दिया गया था। साथ ही राज्य को 2 केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बांट दिया गया था। साथ ही स्पष्ट किया गया था कि जम्मू-कश्मीर में दिल्ली और पुदुचेरी की तरह उपराज्यपाल का शासन होगा, लेकिन विधानसभा के तहत जनता मुख्यमंत्री का निर्वाचन भी करेगी।
इससे पहले जम्मू- कश्मीर में 2014 में आखिरी बार चुनाव हुए थे। 2018 में BJP और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की गठबंधन वाली सरकार गिर गई थी, क्योंकि BJP ने PDP से अलायंस तोड़ लिया था।
सुप्रीम कोर्ट ने दिसंबर, 2023 में चुनाव आयोग को निर्देश दिया था कि सितंबर, 2024 तक हर हाल में जम्मू-कश्मीर में चुनाव करा लिए जाएं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी एक इंटरव्यू में कहा था कि 30 सितंबर से पहले जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव हो जाएंगे।
लोकसभा चुनाव 2024 : जम्मू-कश्मीर में BJP को 2 सीट मिलीं, 2 नेशनल कांफ्रेंस के खाते में
जम्मू कश्मीर की 5 सीटों में से जम्मू और उधमपुर सीट BJP के खाते में गईं। जम्मू कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस को यहां 2 सीटें मिलीं। बारामूला सीट पर निर्दलीय प्रत्याशी जीते।
जम्मू-कश्मीर के LG की शक्तियां बढ़ीं:दिल्ली की तरह ट्रांसफर-पोस्टिंग में मंजूरी जरूरी
केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल (LG) की प्रशासनिक शक्तियां बढ़ा दी हैं। दिल्ली की तरह अब जम्मू-कश्मीर में राज्य सरकार LG की मंजूरी के बिना अफसरों की पोस्टिंग और ट्रांसफर नहीं कर सकेगी।
गृह मंत्रालय ने जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 की धारा 55 के तहत बदले हुए नियमों को नोटिफाई किया है, जिसमें LG को ज्यादा ताकत देने वाली धाराएं जोड़ी गई हैं। उपराज्यपाल के पास अब पुलिस, कानून व्यवस्था और ऑल इंडिया सर्विस (AIS) से जुड़े मामलों में ज्यादा अधिकार होंगे।