भोपाल: हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर परिवहन विभाग के 45 कांस्टेबलों की सेवा समाप्त किए जाने के बाद एमपी कांग्रेस बीजेपी पर हमलावर हो गई है। कांग्रेस ने केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान और उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा के इस्तीफे की मांग की है।वरिष्ठ कांग्रेस नेता अरुण यादव और के.के. मिश्रा ने संयुक्त बयान में कहा कि कांग्रेस पार्टी ने सामूहिक रूप से व्यापम घोटाले को तार्किक निष्कर्ष तक पहुंचाने के लिए लंबी लड़ाई लड़ी है। पार्टी ने 2012 में आयोजित परीक्षा में परिवहन कांस्टेबलों की भर्ती में गंभीर अनियमितताओं का मुद्दा उठाया था। सुप्रीम कोर्ट ने पार्टी के इस रुख को सही ठहराया है।लाखों युवाओं का भविष्य किया बर्बाद
कांग्रेस ने कहा कि 'कोर्ट ने तत्कालीन राज्य सरकार, मंत्री, आरएसएस पदाधिकारी, नौकरशाह और बिचौलियों से जुड़े गिरोह को व्यापम द्वारा आयोजित 168 परीक्षाओं से जुड़े भ्रष्टाचार में शामिल माना है। इस घोटाले ने 1.47 लाख युवाओं का जीवन बर्बाद कर दिया।'कोर्ट ने दिया था 45 आरक्षकों को हटाने का आदेश
मिश्रा ने बताया कि परिवहन विभाग में वर्ष 2012 में आरक्षकों की भर्ती के लिए हुई परीक्षा में एक व्यक्ति ने गंभीर अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए एमपी हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। कोर्ट ने इस परीक्षा के माध्यम से भर्ती हुए 45 आरक्षकों को हटाने का आदेश दिया था।सुप्रीम कोर्ट में गई थी राज्य सरकार
राज्य सरकार ने इस आदेश के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय में अपील की, जिसने उच्च न्यायालय के आदेश को बरकरार रखा। इसके बावजूद जब 45 आरक्षकों को सेवा से नहीं हटाया गया, तो अवमानना याचिका दायर की गई, जिसके बाद मुख्यमंत्री के निर्देश पर परिवहन आयुक्त ने हाल ही में अनियमित नियुक्ति के लिए संबंधित आरक्षकों की सेवाएं समाप्त कर दी।
फिर निकला व्यापम का भूत
व्यापमं का भूत पिछले सप्ताह फिर से वापस आया था। पूर्व विधायक पारस सकलेचा ने एक याचिका दायर की थी, जिस पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और संजय कुमार की संयुक्त पीठ ने मामले में राज्य सरकार और सीबीआई को नोटिस जारी करने का आदेश दिया था।
पूर्व सीएम और वर्तमान डेप्युटी सीएम से मांगा इस्तीफा
कांग्रेस नेताओं ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश ने व्यापम घोटाले में न्याय के लिए कांग्रेस पार्टी के लंबे संघर्ष को सही साबित किया है। उन्होंने मांग की कि तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, जो अब केंद्रीय कृषि मंत्री हैं, और राज्य के उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा, जो उस समय परिवहन मंत्री थे, को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अपने पदों से इस्तीफा दे देना चाहिए।
लगाए गंभीर आरोप
उन्होंने आगे कहा कि घोटाले की जांच के लिए गठित एसटीएफ ने तत्कालीन सरकार के ओएसडी को गिरफ्तार किया था। वहीं, तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के ओएसडी को अग्रिम जमानत मिली थी। यह दर्शाता है कि घोटाले में तत्कालीन सरकार में ऊपर से नीचे तक के लोग शामिल थे।
बीजेपी की चुप्पी पर भी उठाए सवाल
परिवहन आरक्षक भर्ती परीक्षा 2012 में सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर प्रदेश भाजपा नेतृत्व की चुप्पी पर भी कांग्रेस ने सवाल उठाए। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद पार्टी को तत्कालीन मुख्यमंत्री चौहान और उस समय परिवहन विभाग संभाल रहे देवड़ा को इस्तीफा देने के लिए कहना चाहिए।