निश्चित समय के अंदर दी जाएगी राशि
मुख्यमंत्री ने बताया कि शहीद सैनिकों के आश्रित परिजनों को दी जाने वाली एक करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता अब एक निश्चित समय सीमा के भीतर प्रदान की जाएगी।
ये भी फैसले लिए गए
- भारतीय सेना में शामिल मध्य प्रदेश की बेटियों के माता-पिता को राज्य सरकार सालाना 20 हजार रुपए सम्मान निधि देगी। पहले यह राशि 10 हजार रुपए थी।
- शहीद या दिव्यांग सैनिक की बेटी या बहन के विवाह पर सरकार की ओर से 10 हजार की बजाए अब 51 हजार रुपए का अनुदान दिया जाएगा।
- द्वितीय विश्व युद्ध के नॉन पेंशनर्स पूर्व सैनिकों और शहीद सैनिकों की विधवाओं की मासिक सहायता राशि 8 हजार से बढ़ाकर 15 हजार करने के प्रस्ताव पर विचार किया जा रहा है।
- शहडोल में एक नए सैनिक विश्राम गृह के निर्माण के प्रस्ताव पर भी विचार किया जा रहा है।
- रिटायर्ड सैनिकों को गन लाइसेंस जारी करने के लिए एक समय सीमा तय की जाएगी।
- मुख्यमंत्री ने गृह विभाग को भूतपूर्व सैनिकों और शहीदों के परिजनों के गन लाइसेंस नवीनीकरण नि:शुल्क करने की संभावना तलाशने के निर्देश दिए हैं।
परिवार का रखेंगे पूरा ध्यान
मुख्यमंत्री ने कहा कि भूतपूर्व सैनिकों और उनके परिवार के हितों का संरक्षण एवं संवर्धन राज्य सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि हमारे जवान देश की सीमाओं की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति देते हैं। ऐसे में हमारा कर्तव्य बनता है कि हम उनके और उनके परिवारों का पूरा ध्यान रखें।
70,000 हैं भूतपूर्व सैनिक
मध्य प्रदेश में वर्तमान में करीब 70 हजार भूतपूर्व सैनिक और उनके परिवार के सदस्य रहते हैं। वहीं, राज्य के करीब 30 हजार युवा वर्तमान में सेना में अपनी सेवाएं दे रहे हैं।