भोपाल। राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा है कि हार कर सीखने वाले ही भविष्य के विजेता होते हैं। उन्होंने कहा कि अवार्ड समारोह सभी अधिकारी-कर्मचारियों के लिए लगन, उत्साह और मेहनत के साथ किए गए कार्यों की सफलता का दिशा-दर्शन और ऐसा उत्सव है जो दोगुने उत्साह, संकल्प के साथ कार्य और नवाचार की प्रेरणा देता है।
श्री पटेल आज डाक भवन के डॉ. शंकर दयाल शर्मा सभागार में मध्यप्रदेश डाक परिमंडल के डाक सेवा अवार्ड-2021 समारोह को संबोधित कर रहे थे। राज्यपाल ने आठ विभिन्न श्रेणी में मध्यप्रदेश डाक परिमंडल के कर्मचारी-अधिकारियों को पुरस्कृत किया। इंदौर परिमंडल के पोस्ट मास्टर जनरल ब्रजेश कुमार मौजूद थे।
राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा कि मनोवैज्ञानिक सोच, संवेदनशीलता और मानवीय दृष्टिकोण के साथ किए गए कार्य ही उत्कृष्ट और सम्मान के पात्र होते हैं। उन्होंने कहा कि डाक विभाग का सामान्य जन के साथ आत्मीयता का संबंध है। पत्र प्राप्ति के आनंद का एहसास गीत "चिट्ठी आई है" में पता चलता है। अतः डाक विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों का व्यवहार आत्मीय, भाषा सरल और व्यक्तित्व विनम्र होना जरूरी है। जन-कल्याण कार्यों के सूत्रधार होने के कारण लोक सेवक आमजन के बीच शासन के प्रतिनिधि होते हैं। सरकारी अधिकारी-कर्मचारी का परम दायित्व है कि जन-आकांक्षाओं के अनुरूप ईमानदारी, निष्ठा और समर्पण के साथ सरकार की योजनाओं का त्वरित लाभ आमजन तक पहुँचाएँ। राज्यपाल ने कोविड महामारी के दौरान म.प्र. डाक परिमंडल द्वारा सुकन्या समृद्धि, डाक जीवन बीमा के क्रियान्वयन, पोस्टमेन और ग्रामीण डाक सेवकों द्वारा वित्तीय सेवाएँ घर-घर तक पहुँचाने के प्रयासों की सराहना की।
राज्यपाल श्री पटेल ने पुरस्कार समारोह में ग्रामीण डाक सेवक अरविंद धालसे, पोस्टमेन चंद्र कीर्ति प्रसाद, पोस्टल असिस्टेंट श्रीमती हेलन डामोर, सुपरवाइजर ब्रजेश शर्मा, आई.पी. एवं ए.एस.पी. कॉडर नरेंद्र सविता, ग्रुप ए एवं बी कॉडर एस.के. झँवर, प्रभारी लेखा अधिकारी सी.एस. कुशवाहा को तकनीकी उत्कृष्टता और कुमारी यासमीन खान को सर्वश्रेष्ठ महिला कर्मचारी के पुरस्कार से पुरस्कृत किया।
चीफ पोस्ट मास्टर जनरल जितेंद्र गुप्ता ने बताया कि डाक सेवा पुरस्कार की आठ श्रेणी में अधिकारी-कर्मचारियों को उत्कृष्ट कार्यों के लिए पुरस्कृत किया गया है। आभार प्रदर्शन निदेशक मुख्यालय एस. शिवराम ने किया।