नई दिल्ली । संसद का शीतकालीन सत्र अगले महीने शुरू होने की उम्मीद है। अगले साल उत्तर प्रदेश समेत पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव है। इसके मद्देनजर चुनाव से पहले सत्र सरकार और विपक्ष दोनों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। 29 नवंबर से 23 दिसंबर तक शीतकालीन सत्र आयोजित होने की संभावना है। संसद का शीतकालीन सत्र नवंबर के चौथे सप्ताह से शुरू होने की संभावना है और इस दौरान कोविड-19 प्रोटोकाल का सख्ती से पालन किया जाएगा। बताया गया कि सत्र क्रिसमस से पहले समाप्त हो जाएगा और इस दौरान लगभग 20 दिन सत्र आयोजित होने की संभावना है। गौरतलब है कि अगले साल उत्तरप्रदेश समेत पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं। इसके मद्देनजर भी शीतकालीन सत्र बेहद अहम है।
सत्र 29 नवंबर से शुरू हो सकता है और 23 दिसंबर के आसपास समाप्त हो सकता है। शीतकालीन सत्र सरकार और विपक्ष दोनों के लिए काफी अहम है। इस वक्त विपक्ष के पास महंगाई, ईंधन की कीमतों में वृद्धि, खाद्य तेल की कीमतों में वृद्धि, कश्मीर में नागरिकों पर हालिया हमलों और किसान समूहों द्वारा जारी विरोध प्रदर्शन जैसे मुद्दे हैं, जिनके जरिए वो संसद में सरकार को घेरने की तैयारी करेगी तो दूसरी तरफ सरकार चुनाव से पहले इस सत्र में कुछ फैसले लेकर आम जनता को फौरी राहत दे सकती है। राज्यसभा और लोकसभा सत्र एक साथ आयोजित किए जाएंगे लेकिन सदस्यों को शारीरिक दूरी के मानदंडों का पालन करना होगा। पहले कुछ सत्र अलग-अलग समय पर आयोजित किए जा सकते हैं, ताकि संसद परिसर में ज्यादा लोगों की आवाजाही ना हो सके। शीतकालीन सत्र के दौरान सांसदों को हर समय मास्क पहनना आवश्यक होगा और उन्हें कोविड -19 परीक्षण से गुजरने के लिए कहा जा सकता है।