पश्चिम बंगाल में चार दिन में दूसरी बार महिला से मारपीट और बदसलूकी की घटना सामने आई है। रविवार (30 जून) को उत्तरी दिनाजपुर जिले के चोपड़ा इलाके का एक वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आया, जिसमें एक व्यक्ति दो लोगों- एक महिला और एक पुरुष को सड़क पर छड़ी से पीटते हुए नजर आ रहा है।
व्यक्ति महिला को कई बार मारता है। वह दर्द से चिल्लाती है, लेकिन व्यक्ति मारना नहीं छोड़ता। इसके बाद वह व्यक्ति महिला के पास बैठे पुरुष की ओर मुड़ता है और उसे मारना शुरू कर देता है। इस दौरान भीड़ तमाशा देखती रहती है। कोई भी महिला और पुरुष को बचाने आगे नहीं आता। वीडियो में एक जगह वह व्यक्ति महिला के बाल पकड़कर उसे लात मारता है।
इस वीडियो को लेकर विपक्ष राज्य की ममता सरकार पर हमलावर है। भाजपा और CPI(M) के नेताओं ने इस वीडियो को लेकर दावा किया है कि पिटाई करने वाला शख्स तृणमूल कांग्रेस का नेता ताजेमुल हैं, जो स्थानीय विवादों पर ‘तुरंत न्याय’ देने के लिए जाना जाता है।
इसके पहले 27 जून को भाजपा ने TMC पर आरोप लगाया था कि कूच बिहार जिले में पार्टी के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ की महिला पदाधिकारी रोशोनारा खातून को घर से खींचकर सड़क पर घसीटा गया और निर्वस्त्र कर पीटा गया। TMC के गुंडों ने गोखसदांगा में उनकी पिटाई की और सार्वजनिक रूप से उनके कपड़े फाड़ दिए।
मारपीट की वजह साफ नहीं, केस दर्ज
इस घटना को लेकर स्थानीय पुलिस ने कहा है कि उन्होंने पिटाई करने वाले व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज किया है और आरोपी की तलाश की जा रही है। आरोपी ने महिला-पुरुष के साथ मारपीट कब और क्यों की, इसके बारे में जानकारी नहीं है। वहीं, तृणमूल सरकार ने इस वीडियो और विपक्षी नेताओं की तरफ से लगे आरोपों को लेकर प्रतिक्रिया नहीं दी है।
अमित मालवीय बोले- राज्य में शरिया अदालतें चल रही हैं
BJP IT सेल हेड और बंगाल के सह-प्रभारी अमित मालवीय ने X पर एक पोस्ट में कहा, 'वीडियो में जो व्यक्ति महिला को बेरहमी से पीट रहा है, वह ताजेमुल है। वह अपनी 'इंसाफ सभा' के जरिए 'तुरंत न्याय' देने के लिए जाना जाता है। पीटने वाला शख्स चोपड़ा विधायक हमीदुर रहमान का करीबी है।
मालवीय ने यह भी कहा कि भारत को अब TMC की सरकार वाले पश्चिम बंगाल में शरिया अदालतों की असलियत को देख लेना चाहिए। हर गांव में एक संदेशखाली है और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी महिलाओं के लिए अभिशाप बन गई हैं। बंगाल में कानून-व्यवस्था का नामो-निशान नहीं है। क्या ममता बनर्जी इस राक्षस के खिलाफ कार्रवाई करेंगी या शाहजहां शेख की तरह उसे भी बचाएंगी?
CPI(M) नेता बोले- तृणमूल के गुंडे खुद सुनवाई कर सजा दे रहे
CPI(M) के राज्य सचिव और पूर्व सांसद मोहम्मद सलीम ने इस वीडियो को शेयर कर लिखा कि यह कंगारू कोर्ट से भी बदतर है। तृणमूल कांग्रेस का गुंडा, जिसे JCB के नाम से जाना जाता है, वह खुद मौके पर सुनवाई करके सजा दे देता है। यह ममता के शासन में चोपड़ा में 'बुलडोजर न्याय' का उदाहरण है।
सलीम ने यह भी कहा कि जिसने वीडियो शूट किया था, उसे अब उसके घर से निकाल दिया गया है। चोपड़ा में बंगाल पुलिस की निगरानी में तृणमूल ऐसे शासन कर रही है। ताजेमुल स्थानीय लेफ्ट नेता मंसूर आलम की हत्या के मामले में भी आरोपी है।
कांग्रेस बोली- चुनाव के बाद ममता सरकार हिंसा का सहारा क्यों ले रही?
इस घटना को लेकर कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि चाहे महिलाओं की जाति कोई भी हो, उन पर हमले अस्वीकार्य हैं। चुनाव हो चुके हैं, परिणाम सामने आ चुके हैं। सत्ताधारी पार्टी ने राज्य में अधिकतम सीटें जीती हैं, तो फिर सरकार राज्य में हिंसा का सहारा क्यों ले रही है? देश में कहीं भी चुनाव के बाद बंगाल जैसे मामले नहीं होते हैं। किसी को भी महिलाओं के खिलाफ हिंसा करने का अधिकार नहीं है।