भोपाल । ओमिक्रॉन के फैलाव को देखते हुए राजधानी के अस्पतालों में 16 डाक्टरों की भर्ती जाएगी। ये भर्ती मात्र दो महीने के लिए होगी। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी भोपाल वॉक इन इंटरव्यू के माध्यम से 16 डॉक्टरों की भर्ती करने की मंजूरी दी है।
इन्हें 2 महीने के लिए संविदा पर रखा जाएगा। इनमें आठ स्नातकोत्तर चिकित्सा अधिकारी के पद भी शामिल हैं। इनमें फेफड़े के डॉक्टर, मेडिसिन के डॉक्टर और एनएसथीसिया विशेषज्ञ के पद हैं। इसी तरह से 8 चिकित्सा अधिकारियों की भर्ती भी की जा रही है। भोपाल के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ प्रभाकर तिवारी ने बताया कि इन डॉक्टरों का उपयोग कोरोना वार्ड, सेंपलिंग, फीवर क्लीनिक में लगाई जाएगी।
जिला अस्पताल से लेकर अन्य छोटे अस्पतालों में कहीं भी छाती एवं स्वास रोग के डॉक्टर नहीं है जबकि कोरोना का सबसे ज्यादा असर फेफड़े पर ही होता है। मरीज के गंभीर होने पर वेंटिलेटर लगाने और आईसीयू में ड्यूटी के लिहाज से एनएसथीसिया विशेषज्ञों की भर्ती की जा रही है। चिकित्सा अधिकारियों को मंद लक्षण वाले मरीजों के इलाज में लगाया जाएगा। पहली बार इस तरह की नियुक्ति की जा रही है।
इसमें स्नातकोत्तर चिकित्सा अधिकारियों में डिग्री वाले डॉक्टर को सवा लाख और डिप्लोमा वाले डॉक्टर को 110000 मानदेय दिया जाएगा। सीएमएचओ डॉ तिवारी ने बताया कि भर्ती प्रक्रिया शुरू हो गई है। बता दें कि इंदौर के बाद भोपाल में कोरोना के सबसे ज्यादा मरीज मिल रहे हैं। हर दिन मिलने वाले मरीजों का आंकड़ा दो हजार से ऊपर है। ओमिक्रोन वैरीयंट के यहां पर 30 मामले मिल चुके हैं। इसे देखते हुए डाक्टरों की भर्ती की जा रही है।