नई दिल्ली । छिटपुट हिंसा के बीच पंजाब विधानसभा चुनाव की सभी 117 सीट के लिए रविवार को मतदान किया गया। इस चुनाव में राज्य में औसत मतदान 65.50 फीसदी रहा। हालांकि यह 2017 में हुई वोटिंग की तुलना में कम है। क्योंकि पिछले विधानसभा चुनाव में पंजाब में 77 प्रतिशत से अधिक मतदान किया गया था। मतदान के दौरान राज्य के कई स्थानों पर हिंसा और मारपीट से जुड़ी खबरे भी सामने आई हैं।
चुनाव आयोग के डाटा के अनुसार, मनासा में सबसे ज्यादा 77.21 फीसदी मतदान हुआ। जबकि दूसरे नंबर पर श्री मुक्तसर साहिब रहा, जहां 74.12 प्रतिशत वोट डाले गए।
संगरूर में वोट प्रतिशत 71.45, मालेर्कोटला में 72.84, पटियाला में 71, फाजिल्का में 73.59 और भटिंडा में 73.79 फीसदी मतदान हुआ। जबकि, लुधियाना में वोटिंग की दर सबसे कम 60.29 फीसदी रही। पंजाब में इस बार के विधानसभा चुनाव में बहुआयामी मुकाबला देखने को मिला। जहां कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, शिरोमणि अकाली दल के साथ बसपा का गठबंधन और भाजपा व पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह का गठबंधन शामिल रहा।
कांग्रेस ने मौजूदा मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी को अपना सीएम फेस बनाया है। जबकि, आम आदमी पार्टी ने भगवंत मान को अपना मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बनाया है। भगवंत मान धुरी सीट से चुनावी मैदान में उतरे हैं। सीएम चन्नी ने दो सीटों चमकौर साहिब और भदौर से चुनाव लड़ा। पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने अमृतसर पूर्व सीट से अपनी किस्मत अजमाई। उल्लेखनीय है कि पंजाब विधानसभा चुनाव के नतीजे 10 मार्च को यूपी, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर के नतीजों के साथ आएंगे।