साइबर ठगी के दो केसों में दो बुजुर्गों से करीब 15 करोड़ रुपए के फ्रॉड के मामले सामने आए हैं। दोनों मामले मुंबई के हैं। एक मामले में पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि दूसरे की जांच चल रही है।
डिजिटल अरेस्ट के केस क्या हैं...
जालसाजों ने 75 साल के रिटायर्ड शिप कैप्टन को शेयर मार्केट से हाई रिटर्न दिलाने का झांसा देकर फंसाया। इसके बाद अगस्त से नवंबर के बीच 11.16 करोड़ रुपए ठग लिए।
77 साल की महिला को एक महीने तक डिजिटल अरेस्ट रखा। ठग ने खुद को लॉ एनफोर्समेंट ऑफिसर बताकर 3.8 करोड़ रुपए ट्रांसफर करवाए थे।
पुलिस ने बुधवार को बताया कि शुरुआत में पीड़ित बुजुर्ग को अपने ऑनलाइन इन्वेस्टमेंट अकाउंट में मुनाफा दिखाई दिया। जब उन्होंने पैसे निकालने की कोशिश की तो 20% सर्विस टैक्स देने के लिए कहा गया। पीड़ित ने 22 बार ट्रांजैक्शन करके ठगों के खातों में पैसे ट्रांसफर किए।
ठगी का एहसास होने पर पीड़ित ने साइबर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई। जांच में पता चला कि ठगों ने पैसे निकालने के लिए कई अकाउंट का इस्तेमाल किया था। दो खातों की छानबीन से पता चला कि एक महिला ने चेक के जरिए 6 लाख रुपए निकाले। उसने KYC के लिए पैन कार्ड दिया था। पूछताछ करने पर महिला ने कैफ मंसूरी के कहने पर पैसे निकालने की बात कबूली।
मामले में पुलिस ने साइबर धोखाधड़ी मामले में हिस्ट्रीशीटर कैफ इब्राहिम मंसूरी को गिरफ्तार कर लिया। उसके पास से 12 अलग-अलग बैंक अकाउंट के 33 डेबिट कार्ड और 12 चेक बुक बरामद हुईं।
दूसरा मामला: मनी लॉन्ड्रिंग केस का झांसा दिया, ₹3.8 करोड़ ठगे
करीब एक महीने पहले 77 साल की महिला को अज्ञात नंबर से वॉट्सऐप कॉल आया। ठग ने महिला से कहा कि उसने जो पार्सल ताइवान भेजा है उसमें MDMA ड्रग्स, 5 पासपोर्ट, 1 बैंक कार्ड और कपड़े हैं। जब महिला ने पार्सल भेजने की बात इस इनकार किया तो ठग ने कहा कि इसमें उसके आधार कार्ड का इस्तेमाल किया गया है।
इसके बाद ठग ने मुंबई के बड़े पुलिस ऑफिसर को कॉल ट्रांसफर करने की बात कही। इसके बाद फर्जी पुलिस ऑफिसर ने महिला को बताया कि उसका आधार कार्ड एक मनी लॉन्ड्रिंग केस से भी जुड़ा हुआ है और इसकी जांच चल रही है।
फर्जी पुलिस ऑफिसर ने महिला से स्काइप ऐप डाउनलोड करवाया, साथ ही बताया कि अन्य पुलिस ऑफिसर उससे बात करेंगे। ठग ने कॉल डिस्कनेक्ट करने से पहले आदेश दिया कि इसकी जानकारी किसी और को न दें।
बाद में खुद को IPS ऑफिसर बताने वाले एक व्यक्ति ने कॉल करके महिला से उसके बैंक अकाउंट की डिटेल मांगी। फाइनेंस डिपार्टमेंट का IPS ऑफिसर होने का दावा करने वाले एक अन्य ठग ने महिला से उसके बताए बैंक अकाउंट में पैसे ट्रांसफर करने को कहा।
ठग ने कहा कि अगर कोई गड़बड़ी नहीं पाई जाती तो पैसे वापस कर दिए जाएंगे। ठगों ने महिला का विश्वास जीतने के लिए ट्रांसफर किए गए 15 लाख रुपए वापस कर दिए।
इसके बाद ठगों ने महिला और उसके पति के जॉइंट अकाउंट से सारा पैसा ट्रांसफर करने को कहा। महिला ने कई ट्रांजैक्शन में 3.8 करोड़ रुपए 6 अकाउंट में ट्रांसफर कर दिए। इसके बाद जब महिला को पैसे वापस नहीं मिले तो उसे शक हुआ। ठग महिला से ट्रांसफर किए गए पैसे लौटाने के लिए टैक्स के नाम पर और पैसे मांग रहे थे।
इसके बाद जब महिला ने विदेश में रहने वाली अपनी बेटी को फोन किया। बेटी ने महिला को बताया कि उनके साथ फ्रॉड हुआ है और पुलिस में शिकायत करने को कहा। महिला की शिकायत के बाद उन 6 बैंक अकाउंट को फ्रीज कर दिया जिनमें पैसे ट्रांसफर किए गए थे।
सरकार ने 6.69 लाख सिम कार्ड और 1.32 लाख IMEI ब्लॉक किए
27 दिसंबर को राज्यसभा में गृह राज्य मंत्री बंदी संजय कुमार ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि केंद्र ने देश में साइबर अपराधों पर लगाम लगाने के लिए 15 नवंबर 2024 तक 6.69 लाख सिम कार्ड और 1.32 लाख इंटरनेशनल मोबाइल इक्विपमेंट आइडेंटिटी (IMEI) नंबर ब्लॉक किए हैं। उन्होंने कहा कि इनकमिंग इंटरनेशनल स्पूफ्ड कॉल्स को ब्लॉक करने के लिए TSP को निर्देश जारी किए गए हैं।