नई दिल्ली । उत्तराखंड, गोवा में मतदान के बाद अब आम आदमी पार्टी (आप) ने पंजाब में अपनी पूरी ताकत झोक दी है। इन दोनों राज्यों में तैनात नेताओं को भी पंजाब भेज दिया गया है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल खुद और उनके कैबिनेट के कई मंत्री पंजाब में लगातार डटे हुए हैं।
वहां अलग-अलग वर्ग के लोगों से सीधे संपर्क करके आप के लिए वोट मांग रहे हैं। पार्टी ने जिस तरह से पूरी ताकत झोकी है, उससे लगता है कि पार्टी इस बार पंजाब में हार नहीं देखना चाहती है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल खुद लगातार वहां तीन दिन से पंजाब में डेरा डाले हुए हैं। अलग-अलग इलाके में लोगों से मिलने के अलावा मीडिया से भी मुखाबित हो रहे है। वहीं दिल्ली में मंत्री सत्येंद्र जैन भी लंबे समय से पंजाब की चुनावी रणनीति में लगे हुए है।
वहां अलग-अलग वर्ग के लोगों से बैठकें करके समाज के लोगों को अपने साथ जोड़ रहे हैं। राघव चड्ढा शुरू से वहां है। विधायक जरैनल सिंह समेत कई अन्य विधायक पंजाब में नुक्कड़ सभाएं, डोर टू डोर कैंपेन कर रहे हैं। पार्टी के कई कार्यकर्ता, सरकार में सलाहकार के पद पर तैनात लोग, जिन्होंने दिल्ली विधानसभा चुनावों में बूथ स्तर पर प्रबंधन संभाला था, वह पंजाब में भी अपनी भूमिका अदा कर रहे हैं।
पंजाब, गोवा चुनाव खत्म होने के बाद अब जो नेता वहां चुनाव में लगे हुए थे, उन्हें पंजाब में प्रचार के आखिरी चरण में प्रचार के लिए उतार दिया गया है। दरअसल, पिछली बार पंजाब को आम आदमी पार्टी का आकलन था कि अंतिम समय में चुनाव उनके खिलाफ चला गया था। इसलिए इस बार पार्टी ने सबक लेते हुए अंतिम समय तक मतदाताओं के बीच रहने, उनसे संपर्क में रहने और डोर टू डोर प्रचार का अभियान चलाया है।