भोपाल : कैंसर एक गंभीर बीमारी है, लेकिन पूरी तरह से इलाज योग्य है । जानकारी और जागरूकता के अभाव में रोगी अस्पतालों में बहुत देर से आते हैं और उनका इलाज करना मुश्किल हो जाता है । कार्यपालक निदेशक प्रो. (डॉ.) अजय सिंह सभी संकाय सदस्यों को कैंसर जागरूकता और आउटरीच गतिविधियों का संचालन करने के लिए प्रोत्साहित करते रहते हैं, ताकि कैंसर रोगियों को अस्पताल में देरी से आने के परिणामों से अवगत कराया जा सके तथा उन्हें एम्स भोपाल में उपलब्ध उपचार एवं सुविधाओं के बारे में जानकारी दी जा सके ।
ऑन्कोलॉजी के लिए अपनी सोच और उद्देश्य को मूर्त रूप देने के लिए एम्स भोपाल के प्रोफेसर और रेडिएशन ऑन्कोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉ. राजेश पसरीचा ने वरिष्ठ रेजिडेंट डॉ. रश्मि, डॉ. शीना और जूनियर रेजिडेंट डॉ. निवास रेड्डी की टीम के साथ शासकीय कन्या महाविद्यालय, बैतूल में कैंसर जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया । कार्यशाला में कैंसर से ठीक हो चुके रोगियों ने भी भाग लिया । कार्यशाला में कैंसर का जल्द पता लगाने, इसके प्रमुख लक्षण, रोग की पहचान और महिलाओं में होने वाले सामान्य कैंसरों पर प्रमुखता से ध्यान दिया गया ।
कार्यशाला में 100 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया । जागरूकता कार्यक्रम में शामिल होने के लिए शासकीय कन्या महाविद्यालय की प्रधानाध्यापिका सुश्री विद्या चौधरी एवं उनके महाविद्यालय की फैकल्टी, ओम आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज, बैतूल की फैकल्टी, शासकीय जिला चिकित्सालय के चिकित्सक सहित समस्त स्टॉफ एवं छात्राएं उपस्थित थीं । कार्यशाला में कैंसर से ठीक हो चुके रोगियों ने भी भाग लिया ।
वक्ताओं ने इस तथ्य पर भी प्रकाश डाला कि एम्स भोपाल में कैंसर के इलाज के लिए आवश्यक सभी नवीनतम उपचार सुविधाएं जैसे सर्जरी, विकिरण उपचार सहित आईजीआरटी, आईएमआरटी और ब्रेकाइथेरेपी, कीमोथेरेपी और लक्षित उपचार उपलब्ध हैं । टीम ने यह भी जानकारी दी कि ये सभी सुविधाएं बहुत कम कीमत पर एम्स, भोपाल में उपलब्ध हैं और एम्स भोपाल विभिन्न सरकारी योजनाओं जैसे आयुष्मान भारत, सीएम और पीएम राहत कोष से धनराशि उपलब्ध कराने के अतिरिक्त सभी बीपीएल रोगियों के लिए मुफ्त इलाज की सुविधा भी प्रदान करता है । इस अवसर पर एम्स भोपाल द्वारा मरीजों को मोबाइल ऐप की सहायता से आसान और कम समय लेने वाली पंजीकरण प्रक्रिया की सुविधा की उपलब्धता की जानकारी भी दी गई । एम्स, भोपाल में कैंसर से ठीक हो चुके लोगों द्वारा कैंसर से अपनी लड़ाई तथा कैंसर से जंग जीतने के अपने अनुभवों को साझा करते हुए धन्यवाद प्रस्ताव के साथ कार्यशाला का समापन हुआ ।