लखनऊ । यूपी विधानसभा चुनाव में भाजपा और सपा के बीच सीधा मुकाबला दिख रहा है। दो चरण के चुनाव हो चुके हैं। तीसरे चरण के चुनाव के लिए सभी सियासी दलों ने प्रचार तेज कर दिया है। समाजवादी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) एक दूसरे पर निशाना साधने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने एक दिन पहले ही औरेया और कानपुर देहात की जनसभा में कानून और व्यवस्था को लेकर सीएम योगी पर निशाना साधा। अखिलेश ने कहा कि कानून व्यवस्था की बात करने वाले सीएम का आईपीएस अधिकारी फरार है।
आइए जानते हैं कौन है ये अधिकारी जिसने कानून और व्यवस्था के योगी के दावे पर चोट करने के लिए अखिलेश यादव को बड़ा हथियार दे दिया है। अखिलेश यादव परोक्ष रूप से यूपी में फरार चल रहे आईपीएस अधिकारी मणिलाल पाटीदार का जिक्र कर रहे थे। मणिलाल पाटीदार यूपी के महोबा में एसपी के रूप में तैनात थे। पाटीदार पर यूपी के क्रेशर व्यापारी इंद्रकांत तिवारी से पांच लाख रुपये रंगदारी मांगने और आत्महत्या के लिए उकसाने का केस दर्ज है। 8 सितंबर 2020 को क्रेशर कारोबारी को संदिग्ध परिस्थितियों में गोली लगी थी।
कानपुर के एक प्राइवेट अस्पताल में इलाज के दौरान 13 सितंबर को उसकी मौत हो गई थी। केस दर्ज होने के बाद से महोबा का यह पूर्व एसपी फरार है। आय से अधिक संपत्ति के मामले में भी मणिलाल पाटीदार जांच में दोषी पाया जा चुका है। यूपी पुलिस की तरफ से आईपीएस पर एक लाख रुपए का इनाम भी रखा गया है।
मणिलाल पाटीदार राजस्थान के डूंगरपुर जनपद के सरौदा का रहने वाला है। पाटीदार भले ही आज फरार हो लेकिन यह अपने गांव व आसपास के युवाओं के लिए रोल मॉडल रह चुका है। मणिलाल पाटीदार महज 24 साल की उम्र में यूपीएससी में 188वीं रैंक हासिल कर आईपीएस बने थे। पाटीदार 2014 बैच के आईपीएस हैं। आय से अधिक संपत्ति मामले में पाटीदार की राजस्थान के सरौदा के साथ ही गुजरात में भी संपत्ति चिह्नित की गई है। आईपीएस मणिलाल ने राजस्थान में अपने पिता रामजी के नाम जमीन और फ्लैट भी खरीदा है। इसके अलावा जमीन, दुकान समेत अन्य प्रॉपर्टी का भी पता लगा है। इनकी मार्केट वैल्यू करीब 50 से 60 करोड़ बताई गई है।
पाटीदार के स्टेट बैंक ऑफ इंडिया और बैंक ऑफ बड़ौदा में दो अकाउंट का भी पता लगा। इनकी जांच के बाद पत्नी के अकाउंट में बड़ी रकम ट्रांसफर करने की जानकारी भी मिली थी। फरार आईपीएस मणिलाल के नेपाल में छुपे होने का दावा भी सामने आया था। एक पुलिस अधिकारी ने दावा किया था कि फरार आईपीएस ने नेपाल में ही अपना ठिकाना बनाया हुआ है। यूपी पुलिस की एसटीएफ उसको गिरफ्तार करने में अभी तक नाकाम रही है। आईपीएस पाटीदार के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर भी जारी है। पुलिस ने सबसे पहले पाटीदार के खिलाफ गैर जमानती वॉरंट जारी करवाया था। इसके बावजूद आईपीएस ने ना तो सरेंडर किया ना ही पुलिस उसके गिरफ्तार कर सकी। मामले में हाईकोर्ट की नाराजगी के बाद आईपीएस पर एक लाख रुपये का इनाम भी घोषित किया जा चुका है। कोर्ट के आदेश के बाद पुलिस फरार आईपीएस के घर की कुर्की भी करा चुकी है।