भोपाल । मध्यप्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र सोमवार से शुरू हो रहा है। पांच दिन तक चलने वाले इस सत्र में मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस प्रदेश में खाद की कमी, गांवों में अघोषित कटौती, कानून व्यवस्था, आदिवासियों पर अत्याचार, महंगाई और रोजगार के मुद्दे उठाकर सरकार को घेरेगी। इसे लेकर प्रदेश अध्यक्ष व नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ के निवास पर कांग्रेस विधायक दल की बैठक में रणनीति बनी। वहीं दूसरी तरफ भाजपा विधायकों की बैठक भी सीएम हाउस में हुई। इसमें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सहित वरिष्ठ मंत्रियों ने पार्टी विधायकों को टिप्स दिया कि विपक्ष के आरोपों का जवाब कैसे दिया जाए।
कांग्रेस विधायक दल के मुख्य सचेतक डॉ. गोविंद सिंह और पूर्व मंत्री तरुण भनोत का कहना है कि सरकार न तो किसानों को खाद दे पा रही है और न ही बिजली। गांवों में अघोषित बिजली कटौती हो रही है। खाद लेने के लिए किसान दुकानों के बाहर लाइन लगाकर बैठे हैं। पुलिस लाठीचार्ज कर रही है। सरकार दावा कर रही है कि पर्याप्त मात्रा में खाद है। इसका जवाब सदन में लिया जाएगा। कानून व्यवस्था की स्थिति भी खराब है।
आदिवासियों के मुद्दे उठाएगी कांग्रेस
डॉ. गोविंद सिंह का कहना है कि आदिवासियों पर अत्याचार की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। राष्ट्रीय क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो की रिपोर्ट सबके सामने है। भाजपा सरकार प्रति वर्ष एक लाख रोजगार देने का दावा कर रही है, लेकिन प्रदेश में 30 लाख से ज्यादा रजिस्टर्ड बेरोजगार हैं। जनजातीय गौरव दिवस के नाम पर आदिवासियों को गुमराह करने का काम किया है। इन सभी मुद्दों को विधानसभा में उठाया जाएगा।