भोपाल । भोपाल सहकारी दुग्ध संघ भोपाल मार्च 2022 से रोजाना चार लाख लीटर दूध की खरीदी का लक्ष्य रखा गया है। संघ ने इसके लिए समितियों की संख्या बढ़ाने का फैसला लिया है। भोपाल समेत आसपास के जिलों में दूध की खरीदी करने वाली समितियों का विस्तार करेगा। सूत्रों की माने तो अभी संघ की 2499 समितियां हैं, इनमें 95 हजार किसान दूध बेचते हैं। वर्तमान में रोजाना 3.40 लाख दूध की खरीदी होती है। भोपाल सहकारी दुग्ध संघ दूध की खरीदी को बढ़ाना चाहता है। जिसके कारण समितियों की संख्या बढ़ाने पर जोर है।
किसानों का कहना है कि दुग्ध संघ के पास दूध खरीदी की क्षमता के साथ-साथ खरीदे गए दूध की प्रोसेसिंग करने और उसकी खपत करने की क्षमता नहीं है। इसके कारण स्थिति गड़बड़ा जाती है। बारिश व ठंड के दिनों में संघ किसानों से भरपूर दूध नहीं खरीद पाता, इसलिए किसान निजी कंपनियों को दूध बेचने लगते हैं। जब गर्मी में संघ को दूध् कम पड़ जाता है तो उस समय किसानों के पास दूध का उत्पादन कम हो जाता है। अभी भोपाल सहकारी दुग्ध संघ के पास अधिक दूध खरीदकर उसकी प्रोसेसिंग करने की क्षमता नही है। संघ यह क्षमता भी प्लांट लगाकर बढ़ाने का दावा कर रहा है। यदि यह क्षमता बढ़ा ली जाती है तो किसानों से 12 ही महीने अधिक दूध् खरीदा जाएगा।
अभी किसानों से बारिश के दिनों में जब दूध की अधिक आवक होती है तब कई बार मौखिक तौर पर दूध की खरीदी बंद कर दी जाती है। तब उन्हें परेशान होना पड़ता है। वे यहां—वहां दूध बेचने पर मजबूर होते हैं। ठीक से दाम नहीं मिलते और मवेशियों के दूध उत्पादन की क्षमता पर इस तरह ध्यान नहीं दे पाते हैं। जब अधिक दूध् खरीदने लगेंगे तो संघ को होने वाले लाभ से किसानों को भी लाभ मिलेगा क्योंकि सहकारी दुग्ध संघ के नियम है कि जो लाभ होता है उसका अंश किसानों को भी वितरित किया जाता है।
अधिक दूध की आवक से उपभोक्ताओं के लिए दूध की कमी नही आएगी। अभी गर्मी के दिनों में कमी आ जाती है। संघ बाहर से दूध मंगवाता है जिसकी गुणवत्ता ठीक नहीं होती है। कई बार तो पाउडर से दूध बनाकर सप्लाई की जाती है वह भी ठीक नहीं होता है। खासकर गर्मी के दिनों में लस्सी, श्रीखंड, रबड़ी, छेना खीर, मठा, दही, मिल्क केक, पेड़ा आदि दूग्ध उत्पाद की कमी आ जाती है। जब अधिक दूध की आवक होगी तो यह सारी समस्याएं दूर हो जाएंगी।