बीजेपी के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव के लिए अभी और इंतजार करना पड़ सकता है। राज्यों में प्रदेश अध्यक्षों के चुनाव की धीमी गति और 21-23 मार्च तक बेंगलुरु में होने वाली आरएसएस की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक के चलते यह प्रक्रिया अप्रैल तक टल सकती है।
इससे पहले अटकलें लगाई जा रही थीं कि 14 मार्च (होली) के बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष का ऐलान हो सकता है।
राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव में देरी की 3 बड़ी वजह...
1. राज्यों के प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव में देरी
आधे से ज्यादा राज्यों में प्रदेश अध्यक्षों का चुनाव में देरी। जरूरी है, लेकिन अब तक सिर्फ 12 राज्यों में ही यह प्रक्रिया पूरी हो सकी है। चुनाव संपन्न कराने के लिए केंद्रीय पर्यवेक्षक भेजने और तारीख तय करने में ही 10-12 दिन लग सकते हैं। इसके बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया चलेगी, जिसमें करीब 12-15 दिन का समय लगेगा।
2. आरएसएस की बैठक में देरी से 24 मार्च तक अंतिम फैसला संभव
बीजेपी अध्यक्ष के चुनाव में देरी का एक कारण आरएसएस की बैठक भी है। बेंगलुरु में होने वाली इस बैठक में बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा और संगठन महासचिव बीएल संतोष समेत 1500 से ज्यादा प्रतिनिधि मौजूद रहेंगे। आरएसएस के वरिष्ठ अधिकारी 17 से 24 मार्च तक बेंगलुरु में रहेंगे, जिसके चलते बीजेपी नेतृत्व को नए अध्यक्ष पर अंतिम निर्णय लेने के लिए 24 मार्च तक इंतजार करना पड़ सकता है।
3. हिंदू नववर्ष के पहले महीने यानि अप्रैल में ऐलान पर विचार
बीजेपी नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव को हिंदू अस्मिता से जोड़ना चाहती है। इसलिए माना जा रहा है कि 30 मार्च से शुरू हो रहे हिंदू नववर्ष के बाद घोषणा हो सकती है। ऐसे में पार्टी अध्यक्ष के चुनाव को जनवरी के बजाय हिंदू नववर्ष के पहले महीने यानि अप्रैल में कराने पर विचार कर रही है।