भोपाल । राजधानी के हमीदिया अस्पताल के नए भवन का ब्लाक-2 अब 24 नवंबर तक तैयार होगा। इस काम की जिम्मेदारी चिकित्सा शिक्षा संचालक डा. उल्का श्रीवास्तव को सौंपी है। स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव (एसीएस) मो. सुलेमान ने यह समय सीमा तय की है। यह अस्पताल बनने के बाद सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि सुल्तानिया अस्पताल को यहां पर शिफ्ट किया जा सकेगा। हमीदिया अस्पताल में बीते सोमवार को आग लगने की घटना के कारण अस्पताल भवन तैयार होने में देरी हुई है।
800 बिस्तर वाला ब्लाक-1 अगले साल फरवरी तक में तैयार हो पाएगा।अस्पताल का निर्माण करने वाली एजेंसी पीआइयू के अफसरों ने बताया कि ब्लाक-2 में 700 बिस्तर हैं। इसके अलावा 91 बिस्तर निजी वार्डों में हैं। कुछ छोटी कमियों को छोड़ दें तो अस्पताल बनकर तैयार हो गया है। भूतल को मिलाकर 12 मंजिल वाले इस अस्पताल भवन में शिशु रोग विभाग, स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग और नेत्र विभाग के वार्ड होंगे।
सुल्तानिया अस्पताल गांधी मेडिकल कालेज का ही स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग है, लेकिन कालेज और हमीदिया अस्पताल से करीब डेढ़ किलोमीटर दूर होने की वजह से एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल में मरीज, डाक्टरों और अन्य स्टाफ को आने-जाने में दिक्कत होती है। सुल्तानिया में पैदा होने वाले नवजात बच्चों के बीमार होने की स्थिति में फौरन हमीदिया अस्पताल के नवजात शिशु गहन चिकित्सा इकाई में भेजा जाता है।
दूर होने की वजह से बच्चों की हालत बिगड़ने लगती है। नेत्र विभाग अभी कमला नेहरू अस्पताल में संचालित हो रहा है। नया अस्पताल शुरू होने के बाद इसे भी नए भवन में शिफ्ट कर दिया जाएगा। बीते मंगलवार को निर्माण एजेंसी पीआइयू और हमीदिया अस्पताल के डाक्टरों की टीम अस्पताल का निरीक्षण करने वाली थी, लेकिन विगत सोमवार को आग लगने के हादसे की वजह से निरीक्षण नहीं हो पाया।