सेंटरों की नहीं कराई जा रही है औचक जांच
भोपाल। राजधानी में चल रहे ब्लड सैंपल कलेक्शन केंद्र मनमाने तरीके से चलाए जा रहे है। पैथोलाजिकल जांचों के लिए ब्लड सैंपल कलेक्शन केंद्र मनमानी से चल रहे हैं। इन पर नजर रखने वाला कोई नहीं है। इसकी वजह यह कि नर्सिंग होम एक्ट के तहत सीएमएचओ के यहां इनके पंजीयन की कोई नीति ही नहीं है। हाल यह है कि सीएमएचओ की तरफ से कभी इन केंद्रों की औचक जांच ही नहीं कराई जाती। पिछले महीने करोंद क्षेत्र में एक पैथोलाजी केंद्र बिना जांच के ही संचालित होते मिला था । 11वीं पास युवक एमडी पैथोलाजी डिग्री वाले डाक्टर के हस्ताक्षर और सील से जांच रिपोर्ट दे रहा था। शिकायत की बाद सीएमचओ की टीम ने जांच की तो यह गड़बड़ी सामने आई थी। राजधानी में आम लोगों के जीवन से खिलवाड़ करने वाले इस तरह के मामले सामने आने के बाद भी स्वास्थ्य विभाग नियमों की दुहाई देकर सैंपल कलेक्शन सेंटरों को मनमानी की छूट दिए है। 10 बड़ी लैब के भोपाल में करीब डेढ़ सौ कलेक्शन सेंटर हैं। 2011 में तत्कालीन सीएमएचओ डा.पंकज शुक्ला ने इन केंद्रों का निरीक्षण शुरू कराया था। साथ ही सीएमएचओ कार्यालय में पंजीयन कराना अनिवार्य कर दिया था। उनके हटने के बाद से ढिलाई हो गई है। इन केंद्रों में सैंपल लेने वाले की योग्यता क्या है। बायोमेडिकल वेस्ट का निपटान तय मापदंडों के अनुसार हो रहा है या नहीं। यह भी कोई देखने वाला नहीं है।इस बारे में भोपाल सीएमएचओ डा. प्रभाकर तिवारी का कहना है कि नर्सिंग होम एक्ट में कलेक्शन सेंटरों के पंजीयन के संबंध में कुछ नहीं कहा गया है। हमारे पास पर्याप्त स्टाफ भी नहीं है कि इनकी नियमित तौर पर जांच करा सकें।