भोपाल। कोरोना वायरस के बढते मामलों को देखते हुए माध्यमिक शिक्षा मंडल(माशिमं) की दसवीं व बारहवीं की बोर्ड परीक्षाएं टलने के पूरे आसार बन रहे हैं। इसीलिए उक्त परीक्षाएं आगामी 17 फरवरी से आयोजित किए जाने की संभावना कम है। माशिमं ने पूर्व में परीक्षा के लिए जो समय-सारिणी जारी की है उसके अनुसार अभी परीक्षाओं के लिए एक माह का समय शेष है।
ऐसे में बोर्ड परीक्षा 17 फरवरी से शुरू हो पाना संभव नहीं है। अब तक जिलों में परीक्षा केंद्र तय नहीं हो पाए हैं, जबकि इस साल 10 फीसद अधिक केंद्र बनाए जाने हैं। वहीं मंडल ने यह भी तैयारी की है कि अगर कोविड के कारण परीक्षा निरस्त हुई तो स्कूलों से तिमाही, छमाही और प्री-बोर्ड के अंक 31 जनवरी तक मांगे हैं। अभी तक 15 जनवरी तक स्कूलों को अंकों की प्रविष्टी भेजनी थी, लेकिन अब तक 60 फीसद स्कूलों ने ही आनलाइन अंक भेजे हैं। बता दें, कि इस साल बोर्ड परीक्षा के लिए करीब चार हजार परीक्षा केंद्र बनाए जाएंगे।
साथ ही करीब 18 लाख विद्यार्थी शामिल होंगे। स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री इंदर सिंह परमार की मंशा पर लोक शिक्षण के अधिकारियों ने पानी फेर दिया है। लोक शिक्षण के अधिकारियों ने शासन के नियमों को ताक पर रख तिमाही व छमाही परीक्षा करवा ली। अब वार्षिक परीक्षा नहीं होने की स्थिति में सरकारी व प्रायवेट स्कूलों का रिजल्ट बनाने में माशिमं को परेशानी होगी।
दरअसल कोरोना के चलते बीते साल से दसवीं-बारहवीं के विद्यार्थियों को बिना परीक्षा के पास किया गया। वर्ष 2021-22 की परीक्षा को लेकर राज्य मंत्री स्कूल शिक्षा इंदर सिंह परमार ने कहा कि विद्यार्थियों का सालभर असेसमेंट किया जाएगा। अगर नवमीं से बारहवीं तक की वार्षिक परीक्षा नहीं होती है, तो तिमाही व छमाही के आधार पर रिजल्ट तैयार किया जाएगा। इसके लिए शासन से नियम भी जारी हो गए। नियमों के तहत 11वीं-12वीं में परीक्षा को लेकर प्रश्न-पत्रों में अंकों का निर्धारण किया गया।
इसके तहत 11वीं-12वीं के प्रश्न-पत्र में थ्यौरी 70 व प्रैक्टिकल 30 नंबर के होंगे। इसी आधार पर तिमाही व छमाही परीक्षा करवाना थी। लेकिन लोक शिक्षण ने शासन के नियमों के ताक पर रखते हुए सरकारी स्कूलों में तिमाही व छमाही की परीक्षा के प्रश्न-पत्र की थ्यौरी 80 व प्रैक्टिकल 20 नंबर के आयोजित करवाए। जबकि प्रायवेट स्कूलों में तिमाही व छमाही की परीक्षा के प्रश्न-पत्र शासन के नियमों के तहत थ्यौरी 70 व प्रैक्टिकल 30 नंबरों को आयोजित किए गए।
सवाल यह है कि मंडल का परीक्षाओं को लेकर ब्लू प्रिंट जारी होने के बाद भी लोक शिक्षण के अधिकारियों ने प्रश्न-पत्र में नंबरों की गलत मार्किंग की। जिससे अब परेशानी हो रही है। लोक शिक्षण संचालनालय नवमीं से बारहवीं तक की तिमाही व छमाही की परीक्षा संपन्न करा चुका है। अब प्री-बोर्ड परीक्षा आयोजित करवा रहा है। परीक्षा होने के बाद माध्यमिक शिक्षा मंडल ने नवमीं से बारहवीं तक के सभी विद्यार्थियों के आनलाइन नंबर मांगे है। इसमें मंडल ने विद्यार्थियों के लिए आनलाइन फार्मेट भी दिया है। प्रायवेट स्कूलों के 11वीं-12वीं के विद्यार्थियों के नंबर मंडल के नियमों अनुसार थ्यौरी के 70 व प्रैक्टिकल के 30 के अनुसार भरे जा रहे है।
लेकिन सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों के नंबर दर्ज नहीं हो पा रहे है। क्योंकि इन विद्यार्थियों की तिमाही व छमाही परीक्षा थ्यौरी के 80 व प्रैक्टिकल के 20 नंबर के आधार पर हुई है। इससे सरकारी स्कूलों के विद्यार्थी परेशान हो रहे है। मंडल भी समझ नहीं पा रहा है कि प्रायवेट व सरकारी स्कूलों की परीक्षा में विद्यार्थियों के अलग-अलग नंबर को कैसे दर्ज किए जाए।
अलग-अलग नंबर होने से वार्षिक परीक्षा का रिजल्ट बनाने या उन्हें वेटेज देने में परेशानी होगी। मंडल ने तिमाही, छमाही व प्री-बोर्ड परीक्षा के नवमीं से बारहवीं तक अंकों को आनलाइन दर्ज कराने के लिए 31 जनवरी तक का समय दिया है।
इसमें निजी स्कूलों के विद्यार्थियों के अंक दर्ज लगभग हो चुके है, जबकि सरकारी स्कूलों के 11वीं-12वीं के विद्यार्थियों के नंबर दर्ज नहीं हो पा रहे है, जबकि कई सरकारी स्कूलों ने थ्यौरी के 80 व प्रैक्टिकल के 20 नंबर के आधार पर कनवर्ट कर 70 व 30 के मान से करके आनलाइन अंक दर्ज कर दिए है। इस बारे में स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री इंदर सिंह परमार का कहना है कि दसवीं व बारहवीं की बोर्ड परीक्षा जरूर ली जाएगी। कोविड की परिस्थितियों को देखकर परीक्षा कराई जाएगी। परीक्षा आफलाइन ही ली जाएगी, क्योंकि ग्रामीण क्षेत्रों में अभी भी आनलाइन सुविधा कम है।