पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने कहा है कि महिलाओं के उत्पीड़न के मामले में वे राजभवन की सीसीटीवी फुटेज 100 लोगों को दिखाने के लिए तैयार हैं। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा है कि वे सीसीटीवी कैमरे की रिकॉर्डिंग कोलकाता पुलिस और सीएम ममता बनर्जी को नहीं दिखाएंगे।
गौरतलब है कि राजभवन में संविदा पर नियुक्त महिला कर्मचारी ने गवर्नर पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए कोलकाता पुलिस के पास शिकायत दर्ज कराई थी। इसके बाद कोलकाता पुलिस ने मामले की जांच के लिए SIT बना दी है।
शिकायत दर्ज होने के बाद पुलिस ने राजभवन से सीसीटीवी फुटेज शेयर करने की अपील की थी। हालांकि, राज्यपाल ने अपने कर्मचारियों को इस केस में पुलिस के साथ सहयोग न करने कहा है।
पुलिस ने राजभवन के कुछ अधिकारियों और वहां तैनात कर्मियों से पूछताछ की है। हालांकि, संविधान के अनुच्छेद 361 के तहत राज्यपाल के पद पर रहते हुए उनके खिलाफ आपराधिक कार्यवाही नहीं की जा सकती।
गुरुवार को दिखाएंगे CCTV फुटेज
बुधवार को राजभवन के X हैंडल पर पोस्ट किया गया। जिसमें लिखा है- राज्यपाल बोस ने पुलिस के आरोप को मनगढ़ंत बताते हुए लिखा कि पुलिस के खिलाफ सच के सामने कार्यक्रम शुरू किया है। जो लोग राजभवन में कार्यक्रम में शामिल होना चाहते हैं वे ईमेल या फोन पर अपनी रिक्वेस्ट भेज सकते हैं।
पहले 100 लोगों को गुरुवार सुबह राज्यपाल के घर के अंदर के फुटेज देखने की परमिशन दी जाएगी। राज्यपाल ने फैसला किया है कि फुटेज कोई भी देख सकता है, सिवाय राजनेता ममता बनर्जी और उनकी पुलिस के।
ममता बनर्जी गंदी राजनीति कर रही हैं- गवर्नर बोस
गवर्नर बोस ने आरोप को बेतुका नाटक बताया। उन्होंने अपने ऊपर लगे यौन शोषण के आरोपों को TMC की साजिश बताया है। 6 मई को आनंद बोस ने कहा- मैं दीदीगिरी बर्दाश्त नहीं करूंगा। ममता बनर्जी राज्य में गंदी राजनीति कर रही है।
दरअसल, राजभवन में काम करने वाली एक महिला ने 3 मई को राज्यपाल बोस के खिलाफ यौन शोषण की शिकायत दर्ज कराई थी। महिला का आरोप है कि वह 24 मार्च को स्थायी नौकरी का निवेदन लेकर बोस के पास गई थी। तब बोस ने उनके साथ बदसलूकी की थी।