चीन ने ताजिकिस्तान में 'जबरन' बनाया मिलिट्री बेस, खुलासे ने बढ़ाई भारत-रूस की टेंशन, जिनपिंग का क्या है प्लान?
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16-07-2024 02:21 PM
बीजिंग: चीन ने ताजिकिस्तान में एक मिलिट्री बेस बनाया है। माना जा रहा है कि चीन ने ऐसा धोखे से किया है। ताजिकिस्तान के आंतरिक मंत्रालय के साथ मिलकर चीन मूल रूप से संयुक्त आतंकवाद विरोधी फैसिलिटी बनाने में लगा था। ऐसी रिपोर्ट्स आई थीं कि चीन ने अफगानिस्तान की सीमा से लगे ताजिकिस्तान में एक पूर्ण पैमाने पर सैन्य अड्डा बनाया है। हालांकि चीन और ताजिकिस्तान दोनों ने हाल में ताजिक अफगान सीमा के पास सीक्रेट सैन्य अड्डे से इनकार किया है। द टेलीग्राफ की रिपोर्ट में सैटेलाइट तस्वीरों के साथ बताया गया था कि चीन ने सीक्रेट सैन्य अड्डे का निर्माण किया है। अफगानिस्तान में बढ़ते सुरक्षा खतरे को देखते हुए चीन का यह बेस महत्वपूर्ण माना जा रहा है।रिपोर्ट के मुताबिक 13,000 फीट की ऊंचाई पर सुदूर पहाड़ी इलाके में स्थित चीनी सैन्य अड्डे में ऑब्जर्वेशन टावर और चीन के सैनिक भी तैनात हैं। सूत्रों ने कहा कि कथित आतंकवाद विरोधी अड्डा अफगानिस्तान में तालिबान की वापसी के बाद बनाया गया था और इसके लिए समझौते पर 2021 में हस्ताक्षर किए गए होंगे। ताजिकिस्तान में रूस और भारत दोनों की बड़ी हिस्सेदारी है। मध्य एशिया में विशेषकर अफगान सीमा के निकट ताजिकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के करीब चीन का कोई भी बेस भारत और रूस के लिए टेंशन की बात है।