दावा- यूक्रेन जंग में 6 लाख रूसी सैनिकों की मौत:8 हजार टैंक्स भी बर्बाद हुए

Updated on 22-08-2024 01:40 PM

रूस-यूक्रेन जंग में 6 लाख से ज्यादा रूसी सैनिकों की मौत हुई है। यूक्रेनी वेबसाइट कीव इंडिपेंडेंट के मुताबिक यूक्रनी सेना के जनरल स्टाफ ने बताया कि 24 फरवरी 2022 को यूक्रेन पर हमले के बाद से 6,03,010 रूसी सैनिक अपनी जान गंवा चुके हैं।

जनरल स्टाफ ने टेलीग्राम पर कहा कि यूक्रेन ने पिछले ढाई साल में रूस के 8,522 टैंक्स, 16,542 बख्तरबंद गाड़ियां, 17,216 आर्टिलेरी सिस्टम, 1,166 रॉकेट सिस्टम, 928 एयर डिफेंस सिस्टम, 367 हवाईजहाज, 328 हेलिकॉप्टर, 13,902 ड्रोन्स, 28 जहाज और 1 सबमरीन बर्बाद हो चुके हैं।

उन्होंने दावा किया कि मंगलवार को रूस के 1,210 सैनिकों मारे गए। वहीं, रूसी सेना ने सोशल मीडिया पर दावा किया कि मंगलवार को यूक्रेन के 2,000 से ज्यादा सैनिक मारे गए हैं।

पूर्व रूसी राष्ट्रपति बोले- यूक्रेन की हार से पहले कोई बातचीत नहीं होगी
कुर्स्क में हमले से नाराज रूसी सिक्योरिटी काउंसिल के डिप्टी हेड दिमित्री मेदवेदेव ने कहा कि यूक्रेन और रूस के बीच बातचीत के सारे रास्ते बंद हो चुके हैं। मेदवेदव पुतिन से पहले रूस के राष्ट्रपति थे। उन्होंने सोशल मीडिया पर कहा कि जब तक यूक्रेन की पूरी हार नहीं हो जाती तब तक बातचीत का कोई मतलब नहीं है।

दरअसल पिछले ढाई साल से रूसी आक्रमण को झेल रही यूक्रेनी सेना ने अब जाकर पलटवार शुरू किया है। 6 अगस्त को यूक्रेन ने रूस के कुर्स्क इलाके पर हमला किया था। राष्ट्रपति जेलेंस्की के मुताबिक बीते 15 दिनों में यूक्रेनी सेना ने रूस के कुर्स्क में 92 गांवों पर कब्जा कर लिया है।

राष्ट्रपति जेलेंस्की ने दावा किया कि यूक्रेनी सैनिकों ने रूस के 1250 वर्ग किमी इलाके पर कब्जा कर लिया है। यूक्रेन के आर्मी चीफ अलेक्जेंडर सिरस्की ने कहा कि यूक्रेनी सेना रूस के 35 किमी अंदर तक घुस चुकी है। BBC के मुताबिक यूक्रेन के अचानक हमले के बाद 2 लाख से ज्यादा रूसी नागरिकों को अपने घरों से भागने पर मजबूर होना पड़ा है।

यूक्रेनी ने कुर्स्क में तीसरा पुल भी गिराया
इस बीच यूक्रेनी सेना ने कुर्स्क में बने तीसरे पुल को भी गिरा दिया है। यूक्रेन के वायु सेना कमांडर मायकोला ओलेशचुक ने इसकी पुष्टि की। ये सभी पुल कुर्स्क के ग्लूसकोवस्की जिले में सीम नदी पर बने थे। अलजजीरा के मुताबिक इन सभी पुलों के टूटने से रूस की सप्लाई लाइन पर असर पड़ेगा।

कब्जा किए रूसी इलाके को बफर जोर बनाएगा यूक्रेन
​​​​​​​
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने रविवार को कहा था कि वे कुर्स्क इलाके पर हमला कर रहे हैं, ताकि इसे बफर जोन बना सकें। बफर जोन में दो देशों के बीच में खाली जगह होती है। इस जगह पर किसी का कब्जा नहीं होता।

एक यूक्रेनी अधिकारी के मुताबिक यूक्रेन ने रूस के 150 से ज्यादा लोगों को बंदी बना लिया है। इसमें से ज्यादातर सैनिक हैं। अधिकारी ने रविवार को रॉयटर्स से कहा था कि रूस ने सीमा पर काफी युवा सैनिक तैनात कर रखे हैं। इनमें से कई लड़ने लायक नहीं है और आसानी से हार मान लेते हैं।



अन्य महत्वपुर्ण खबरें

 20 September 2024
हरारे: अफ्रीकी देश जिम्बाब्वे में अधिकारियों ने अपने भूखे लोगों को भोजन उपलब्ध कराने के लिए हाथियों को काटने का फैसला लिया है। वन्य अफसरों ने 200 हाथियों को काटकर उनका…
 20 September 2024
कोलंबो: श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे का कहना है कि दक्षिण एशिया और हिंद प्रशांत क्षेत्र कठिन समय से गुजर रहा है। चीन को लेकर उन्होंने कहा कि श्रीलंका-चीन के संबंध…
 20 September 2024
बीजिंग: न्यूक्लियर फ्यूजन एक ऐसी प्रक्रिया है, जिससे सूर्य को शक्ति मिलती है। लंबे समय से 'नकली सूर्य' को क्लीन एनर्जी के लिए एक विकल्प के रूप में देखा जाता रहा…
 20 September 2024
रियाद: सऊदी अरब में तीन विमानों ने सड़क के रास्ते से करीब एक हजार किमी का सफर किया है। ट्रकों पर लदे ये विमान जब शहरों के बीच से गुजरे…
 19 September 2024
रियाद: सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने एक बार फिर फिलिस्तीन की आजादी की बात कही है। सऊदी प्रिंस ने कहा कि स्वतंत्र फिलिस्तीनी देश के बिना सऊदी अरब इजरायल…
 19 September 2024
तेल अवीव: लेबनान पेजर हमले से ठीक से उबरा भी नहीं था कि एक बार फिर धमाकों की नई लहर देखी गई है। बुधवार को लेबनान में वॉकी-टॉकी में धमाका देखा…
 19 September 2024
वॉशिंगटन: भारतीय मूल की अमेरिकी एस्ट्रोनॉट सुनीता विलियम्स का आज 59वां जन्मदिन है। सुनीता 19 सितंबर, 1965 को अमेरिका के ओहियो पैदा हुई थीं। उनका सफर एनापोलिस, मैरीलैंड में अमेरिकी नौसेना…
 19 September 2024
लेबनान। लेबनान में मंगलवार को हुए सीरियल पेजर ब्लास्ट के बाद अब आज बुधवार को लेबनान में फिर से ब्लास्ट की खबर है। यह धमाका वॉकी-टॉकी डिवाइस में किया गया है।…
 19 September 2024
नई दिल्ली/इस्लामाबाद । भारत और पाकिस्तान के बीच 64 साल पहले सिंधु जल संधि हुई थी। संधि के कारण भारत को अपनी जरूरतें दरकिनार कर पाकिस्तान के लिए हिमालय की नदियों…
Advt.