भोपाल । अवैध कालोनी निर्माण करने वालों की अब खैर नहीं होगी। कालोनाइजर को कम से कम तीन और अधिकतम सात वर्ष की कैद और दस लाख रुपये के जुर्माने से दंडित किया जा सकेगा। ऐसे अवैध निर्माण को रोकने की जिम्मेदारी वाले अधिकारियों के लिए भी कानून में प्रविधान किए गए हैं। उन पर तीन वर्ष की कैद और दस हजार रुपये जुर्माना लगाया जा सकेगा। नगर पालिक विधि संशोधन अधिनियम को राज्यपाल की मंजूरी मिल गई है। अब मध्य प्रदेश में अनाधिकृत (अवैध) कालोनी के निर्माण पर सख्ती से रोक लगाई जा सकेगी। इस व्यवस्था से अवैध कालोनियों के निर्माण को सख्ती से रोका जा सकेगा। यहां भवन या भूखंड खरीदने वाले नागरिकों को भी कालोनियों में विकास कार्य नहीं होने संबंधी परेशानियों से राहत मिल सकेगी। नगर निगम सीमा क्षेत्र में ही अवैध कालोनी काटने वाले करीब 100 लोगों के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराने के लिए जिला प्रशासन ने नगर निगम को सूची सौंपी थी। बता दें कि अब वर्ष 2019 के बाद काटी गई अवैध कालोनियों को नगरीय निकाय चुनाव के चलते वैध करने की तैयारियां की जा रही हैं। बता दें कि नगर निगम ने वर्ष 1998 से निगम सीमा में 198 अवैध कालोनियां चिह्नित की थीं। इसके बाद 2002 से 2008 तक 70 और 2009 से 2013 तक 55 अवैध कालोनियां अस्तित्व में आई थीं। अब यह संख्या लगातार बढ़ रही है। शहर में 593 अवैध कालोनियां हैं। इनमें से शहरी क्षेत्र की 150 से अधिक व ग्रामीण क्षेत्र में 443 अवैध कालोनियां शामिल हैं। इन कालोनियों में लाखों लोग रह रहे हैं। विगत दिनों सरकार के निर्देश पर कुछ अवैध कालोनियों पर कार्रवाई की गई थी। सबसे ज्यादा अवैध कालोनियां रातीबड़, नीलबड़, कलखेड़ा, चौपड़ा कला, ईंटखेड़ी सहित अन्य क्षेत्रों में काटी गई हैं। यहां विगत पांच साल के भीतर सैकड़ों अवैध कालोनियां बनाई गई थीं। अब तक सरकार ने वर्ष 2019 तक काटी गई अवैध कालोनियों को वैध किया है। विगत दिनों अवैध कालोनी काटने वालों के खिलाफ अभियान चलाकर कार्रवाई की गई थी। इस कार्रवाई के दौरान अवैध कालोनी काटने वाले व्यक्ति के खिलाफ एफआइआर भी दर्ज कराई गई थी।