भोपाल । मध्यप्रदेश में शराब की नई नीति का कांग्रेस ने विरोध किया है। पार्टी ने आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार ने शराब सस्ती करते हुए अपनी मंशा साफ कर दी है। नई नीति के प्रावधानों से साफ हो जाता है कि सरकार घर-घर शराब पहुंचाना चाहती है। इसका जवाब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को दिया। कलेक्टर-कमिश्नर कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि प्रदेश में शराब की कीमतें इसलिए कम की जा रही हैं, ताकि अवैध रूप से होने वाली बिक्री रुके। हालांकि उन्होंने मैदानी अफसरों से कहा कि इसे लेकर सावधानी रखने की जरूरत है।
इस पर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने शिवराज से सवाल किया है। उन्होंने पूछा कि अवैध शराब कैसे और किसके सरंक्षण में बिक रही है? कई बार शिकायत कर चुके हैं। कलेक्टर-एसपी और भोपाल के बड़े अधिकारी और मंत्रियों के पास इसका हिस्सा पहुंच रहा है। इस पर नियंत्रण क्यों नहीं है? मरने के बाद एक्शन क्यों। उन्होंने कहा, यह शराब नीति पीने वालों की सहूलियत के लिए बनाई गई है। आम जनता के लिए नहीं है। अनाज सस्ता होना चाहिए, लेकिन अनाज महंगा और शराब सस्ती हो रही है। पूर्व मुख्यमंत्री बोले- शिवराज ने कहा था कि नर्मदा के किनारे 5 किलोमीटर तक शराब नहीं बिकेगी, लेकिन बीजेपी नेता इस दायरे में शराब बेच रहे हैं।
कांग्रेस ने किया उमा भारती को याद
पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस विधायक तरुण भनोट ने कहा कि मध्य प्रदेश सरकार ने मन बना लिया है कि प्रदेश के घर-घर में शराब बिक्री हो। इसीलिए नई शराब नीति लागू की जा रही है। एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन, मार्केट सभी जगह शराब बेचने का प्रावधान किया गया है। इस दौरान भनोट ने पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती के बयानों को याद दिलाया। उमा ने सूबे में पूर्ण शराबबंदी की मांग उठाई थी। भनोट ने पूछा कि शराब की नई नीति बनाने से पहले क्या सरकार ने उमा भारती से चर्चा की है?
दिग्विजय के भाई ने किया शराब नीति का समर्थन
एक तरफ दिग्विजय सिंह सरकार के कदम पर सवाल उठा रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ उनके छोटे भाई लक्ष्मण सिंह ने इसका समर्थन किया है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि मध्यप्रदेश में नई आबकारी नीति की घोषणा हुई है। आशा करते हैं कि यह और अधिक रोजगार उपलब्ध कराएगी और वर्षों से चल रहे चंद लोगों का एकाधिकार समाप्त करेगी।