नई दिल्ली । भारत में एक दिन में कोविड-19 के 3,993 नए मामले सामने आए हैं, जो 662 दिनों में संक्रमण के सबसे कम मामले हैं। इसी के साथ ही महामारी के कुल मामलों की संख्या बढ़कर 4,29,71,308 हो गई है, जबकि उपचाराधीन मरीजों की संख्या घटकर 49,948 हो गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मंगलवार सुबह आठ बजे तक के अद्यतन आंकड़ों के अनुसार, 108 मरीजों के जान गंवाने से मृतकों की संख्या 5,15,210 पर पहुंच गई है।
उपचाराधीन मरीजों की संख्या संक्रमण के कुल मामलों का 0.12 प्रतिशत है, जबकि कोविड-19 से स्वस्थ होने वाले लोगों की राष्ट्रीय दर 98.68 प्रतिशत है। आंकड़ों के अनुसार, पिछले 24 घंटे में कोविड-19 के उपचाराधीन मरीजों की संख्या में 4,170 मामलों की कमी दर्ज की गई है। संक्रमण की दैनिक दर 0.46 प्रतिशत दर्ज की गई, जबकि साप्ताहिक संक्रमण दर 0.68 प्रतिशत दर्ज की गई। इस बीमारी से स्वस्थ होने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 4,24,06,150 हो गई और मृत्यु दर 1.20 प्रतिशत दर्ज की गई।
देशव्यापी कोविड-19 रोधी टीकाकरण अभियान के तहत अभी तक 179.13 करोड़ खुराकें दी जा चुकी है। उल्लेखनीय है कि देश में सात अगस्त 2020 को संक्रमितों की संख्या 20 लाख, 23 अगस्त 2020 को 30 लाख और पांच सितंबर 2020 को 40 लाख से अधिक हो गई थी। संक्रमण के कुल मामले 16 सितंबर 2020 को 50 लाख, 28 सितंबर 2020 को 60 लाख, 11 अक्टूबर 2020 को 70 लाख, 29 अक्टूबर 2020 को 80 लाख और 20 नवंबर को 90 लाख के पार चले गए थे।
देश में 19 दिसंबर 2020 को ये मामले एक करोड़ के पार हो गए थे। पिछले साल चार मई को संक्रमितों की संख्या दो करोड़ के पार और 23 जून 2021 को तीन करोड़ के पार पहुंच गई थी। इस साल 26 जनवरी को मामले चार करोड़ के पार पहुंच गए थे। मंत्रालय के अनुसार, देश में जिन 108 और मरीजों ने जान गंवाई है, उनमें से 83 की मौत केरल में और पांच की कर्नाटक में हुई। इस महामारी से अभी तक कुल 5,15,210 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें से 1,43,740 लोगों की मौत महाराष्ट्र में, 66,263 लोगों की मौत केरल में, 39,996 लोगों की मौत कर्नाटक में, 38,017 लोगों की मौत तमिलनाडु में, 26,137 लोगों की मौत दिल्ली में, 23,476 लोगों की मौत उत्तर प्रदेश में और 21,180 की मौत पश्चिम बंगाल में हुई। स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि अब तक जिन लोगों की कोरोना वायरस के संक्रमण से मौत हुई है, उनमें से 70 प्रतिशत से अधिक मरीजों को अन्य बीमारियां भी थीं। मंत्रालय ने अपनी वेबसाइट पर बताया कि उसके आंकड़ों का भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के आंकड़ों के साथ मिलान किया जा रहा है।