नई दिल्ली । सीरम लैबोरेटरी की कोविशील्ड वैक्सीन लगवाने के बावजूद एंटीबॉडी न बनने को लेकर सीरम कंपनी मालिक अदार पूनावाला, ड्रग कंट्रोल डायरेक्टर, स्वास्थ सचिव, आईसीएमआर और डब्ल्यूएचओ समेत सात के विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज करने की मांग को लेकर आपराधिक निगरानी दायर की गई है। इसको सत्र अदालत ने स्वीकार करते हुए विपक्षीगणों को एक अप्रैल के लिए नोटिस जारी की है। सत्र अदालत के समक्ष निगरानीकर्ता प्रताप चन्द्र ने निचली अदालत के उस आदेश को चुनौती दी है।
जिसके तहत विपक्षीगणों के विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज कराए जाने की मांग वाली अर्जी को अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट शांतनु त्यागी ने खारिज कर दिया था। अर्जी में कहा गया था कि सीरम इंस्टीटयूट ऑफ इंडिया द्वारा बनाई गई और सरकारी संस्थान आईसीएमआर, स्वास्थ्य मंत्रालय, राष्ट्रीय स्वास्थ मिशन द्वारा मान्यता प्राप्त और उपलब्ध कराया जाने वाली कोविशील्ड की 8 अप्रैल 2021 को आशियाना थाना, रुचि खंड-2, स्थित गोविंद हॉस्पिटल में पहली डोज लगवाई थी।
शिकायत में कहा गया है कि दूसरे डोज की निर्धारित तिथि 28 दिन बाद की दी गई थी, परंतु 28 दिन बाद जाने पर बताया गया कि अब दूसरी डोज छह हफ्ते में लगेगी। इसके बाद सरकार ने घोषणा की कि अब छह नहीं बल्कि 12 हफ्ते बाद दूसरी डोज लगेगी। कहा गया है कि वादी ने 25 मई 2021 थायरोकेयर से अपना एंटीबॉडी टेस्ट कराया, जिससे मालूम हो सके कि कोविशील्ड वैक्सीन से एंटीबॉडी बनी या नहीं।
लेकिन जब 27 मई 2021 को रिपोर्ट निगेटिव आई। बताया गया कि जिस एंटीबॉडी को बनाने के लिए वैक्सीन लगवाई थी वो नहीं बना बल्कि प्लेटलेट्स भी 3 लाख से घटकर 1.5 लाख हो गए। जिससे वादी के साथ धोखा हुआ और जान का बड़ा जोखिम बना हुआ है। निचली अदालत ने अर्जी को इस आधार पर खारिज कर दिया कि प्रार्थना पत्र के अवलोकन से किसी प्रकार के अपराध का होना नहीं पाया जाता है। निगरानी याचिका में निचली अदालत के आदेश को निरस्त करने की मांग की गई है।