सुप्रीम कोर्ट सोमवार (13 मई) को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से जुड़े मानहानि मामले की सुनवाई करेगा। केजरीवाल ने दिल्ली हाईकोर्ट के ऑर्डर को चुनौती दी थी।
यूट्यूबर ध्रुव राठी ने मई 2018 में कथित रूप से अपमानजनक वीडियो सर्कुलेट किया था। इस वीडियो को केजरीवाल ने भी रीट्वीट किया था। इस पर हाईकोर्ट ने केजरीवाल को आपराधिक मानहानि मामले में समन जारी किए थे।
सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस संजीव खन्ना कर सकते हैं। 11 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल से पूछा था कि क्या आप इस मामले में शिकायतकर्ता को माफी देना चाहते हैं?
26 फरवरी को केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि वीडियो रीट्वीट करना उनकी गलती थी। 5 फरवरी को हाईकोर्ट ने कहा था कि कथित अपमानजनक सामग्री को रीपोस्ट करने पर मानहानि कानून लागू होगा।
2018 में केस दर्ज हुआ था
दिल्ली के सीएम और AAP संयोजक अरविंद केजरीवाल पर यूट्यूबर ध्रुव राठी के वीडियो वाले एक ट्वीट को रीट्वीट करने के मामले में 2018 में मानहानि का केस दर्ज हुआ था। उस वीडियो में विकास सांकृत्यायन नाम के व्यक्ति के बारे में अपमानजनक बातें कही गई थीं।
दिल्ली हाईकोर्ट ने यह कहते हुए केस रद्द करने से मना कर दिया था कि ट्विटर पर केजरीवाल को बड़ी संख्या में लोग फॉलो करते हैं। उन्होंने शिकायतकर्ता के खिलाफ कही गई अपमानजनक बातों की पुष्टि किए बिना उसे रीट्वीट किया और करोड़ों लोगों तक फैलाया।
जानें, केजरीवाल ने किस वीडियो को रीट्वीट किया
केजरीवाल पर यूट्यूबर ध्रुव राठी के वीडियो को रीट्वीट करने के मामले में 2018 में केस दर्ज होने के बाद उनके खिलाफ आपराधिक मानहानि का मुकदमा शुरू किया गया। केजरीवाल के खिलाफ समन जारी हुआ, जिसे रद्द कराने के लिए वह सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे।
ध्रुव राठी ने 2018 में एक ट्वीट करते हुए 'आई सपोर्ट नरेंद्र मोदी' नाम के ट्विटर पेज के संस्थापक और संचालक पर बीजेपी आईटी सेल पार्ट-2 जैसा व्यवहार करने का आरोप लगाया था। दिल्ली के सीएम केजरीवाल ने इस ट्वीट को रीट्वीट किया था।