कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को चुनाव आयोग (EC) ने सोच-समझकर बयान देने को कहा है। दरअसल, चुनाव आयोग ने 30 अप्रैल को लोकसभा चुनाव के दो फेज की वोटिंग के बाद फाइनल आंकड़े जारी किए थे। इस पर खड़गे ने सवाल उठाए थे।
आयोग ने शुक्रवार को सोशल मीडिया पर लिखा- वोटिंग का आंकड़ा जारी करने में कोई देरी नहीं हुई। फाइनल वोटिंग डेटा हमेशा वोटिंग के दिन से ज्यादा ही रहता है। 2019 के चुनाव के बाद से हम मैट्रिक्स पर इसे अपडेट कर रहे हैं। हमारे डेटा कलेक्ट करने के तरीके में कोई भी गड़बड़ी नहीं है।
आयोग ने कहा कि खड़गे ऐसे आरोप लगाकर चुनावी प्रक्रिया पर सवाल उठा रहे हैं। ऐसे आरोपों से लोगों के बीच भ्रम की स्थिति बनती है और निष्पक्ष चुनाव प्रक्रिया में दिक्कतें होती हैं। मतदाताओं की भागीदारी पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं। बड़ी संख्या में चुनाव के लिए काम कर रही टीम का उत्साह कम हो सकता है।
वहीं, शुक्रवार शाम I.N.D.I गठबंधन में शामिल दलों के 7 सदस्यीय ग्रुप ने चुनाव आयोग के अधिकारियों से मुलाकात की। प्रतिनिधिमंडल में कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी, सलमान खुर्शीद, TMC नेता डेरेक ओ ब्रायन, DMK के टीआर बालू, JMM की महुआ माझी, CPI के बिनॉय विश्वम और सपा के जावेद अली शामिल थे।
खड़गे ने I.N.D.I गठबंधन के दलों को चिट्ठी लिखी थी
खड़गे ने 7 मई को I.N.D.I.A के दलों के नेताओं को लेटर लिखा था। खड़गे ने कहा था कि पहले चुनाव आयोग 24 घंटे के अंदर यह बता देता था कि कितना फीसदी मतदान हुआ है, लेकिन इस बार देरी हो रही है, उसकी वजह क्या है? इसे लेकर अभी तक आयोग द्वारा कोई सफाई क्यों नहीं दी गई है। देरी के बाद भी जो डेटा आयोग ने रिलीज किया है उसमें कई अहम जानकारियां नहीं हैं।
खड़गे की चिट्ठी की 3 बातें...
पहले चरण में 102 सीटों के लिए मतदान हुआ था। आयोग ने कहा कि 19 अप्रैल को शाम 7 बजे तक अनुमानित मतदान लगभग 60% था, जबकि इसी तरह दूसरे चरण (88 सीटों) के लिए अनुमानित मतदान लगभग 60.96% था। ये आंकड़े मीडिया में जारी किए गए थे।
ऐसा क्यों है कि 20 अप्रैल को पहले फेज का अनुमानित मतदान 65.5% बताया गया, जबकि 27 अप्रैल को दूसरे चरण के लिए मतदान प्रतिशत का डेटा 66.7% हो गया। इसके बाद 30 अप्रैल को पहले चरण के लिए 66.14% और दूसरे चरण के लिए 66.71% के आंकड़े की पुष्टि की गई।
खड़गे ने दोनों फेज की फाइनल वोटिंग में 5.5% की बढ़ोतरी को लेकर सवाल उठाया था। खड़गे ने कहा था कि आयोग को बताना चाहिए कि हर पोलिंग स्टेशन पर कितना प्रतिशत मतदान हुआ। उन्होंने सभी सहयोगी दलों से इस तरह की कथित गड़बड़ी के खिलाफ आवाज उठाने की अपील की थी।
जयराम रमेश बोले- चुनाव आयोग का नजरिया अफसोसजनक
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा- खड़गे के लेटर पर चुनाव आयोग का जो रिएक्शन है उस पर क्या ही कहा जाए। चुनाव आयोग एक संवैधानिक बॉडी है। वह निष्पक्ष होता है और सभी पॉलिटिकल पार्टियों के साथ एक जैसा व्यवहार करता है।
कांग्रेस अध्यक्ष ने बिल्कुल जायज मुद्दे उठाए थे, जिस पर व्यापक चिंता और टिप्पणियां हुई हैं। इन मुद्दों के समाधान के लिए चुनाव आयोग का नजरिया बेहद अफसोसजनक है।
इंडिया ब्लॉक के नेताओं ने चुनाव आयोग से मुलाकात की
खड़गे वाले मामले के बाद इंडिया ब्लॉक के नेताओं ने चुनाव आयोग के अधिकारियों से मुलाकात की। यह बैठक 45 मिनट तक चली। प्रतिनिधिमंडल में कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी, सलमान खुर्शीद, TMC नेता डेरेक ओ ब्रायन, DMK के टीआर बालू, JMM की महुआ माजी, CPI के बिनॉय विश्वम और सपा के जावेद अली शामिल थे।
मंडल ने केंद्र सरकार के नेताओं के आचार संहिता के उल्लंघन और पहले दो फेज की वोटिंग आंकड़े जारी करने में देरी का मुद्दा उठाया। बैठक में सपा नेता जावेद अली ने यूपी पुलिस का लोगों को दिए लाल कार्ड का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि कई लोगों को वोटिंग नहीं करने दी गई है। मंडल ने चुनाव आयोग को 7 पेज का ज्ञापन सौंपा है।
इसमें कहा गया है कि आयोग के सामने सबूतों को पेश किया गया। इसके बाद भी दोषियों के खिलाफ एक्शन नहीं लिया गया है। अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि ज्ञापन में दिए मुद्दे पर हम सुप्रीम कोर्ट भी जा सकते हैं।