मुरैना । नाबार्ड द्वारा ग्वालियर के राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय में स्थापित कृषि व्यवसाय इंक्यूबेशन सेंटर का उदघाटन आज केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किया। कार्यक्रम में कमल पटेल, कृषि मंत्री, मध्य प्रदेश सरकार, भारत सिंह कुशवाह, उधानिकी मंत्री, मध्य प्रदेश सरकार, विवेक शेजवलकर सांसद, डॉ. जी.आर. चिंतला, अध्यक्ष, नाबार्ड,एस. के. राव कुलपति भी विशेष रूप से उपस्थित थे। साथ ही कृषि मंत्री श्री तोमर एवं तथा अन्य विशिष्ट अतिथियों द्वारा महाविद्यालय प्रांगण में इकोफेस्ट तथा नाबार्ड की राज्य स्तरीय प्रदर्शनी उमंग- 2022 का भी उद्घाटन किया गया।
एग्रीबिजनेस इनक्यूबेशन सेंटर का मुख्य उद्देश्य चंबल क्षेत्र में अगले चार वर्षों में 240 इंकुबेटीस एवं 100 स्टार्टअप्स खड़े करना रहेगा। साथ ही क्षेत्र में फ़सल उत्पाद एवं फ़सल सुरक्षा बढ़ाने एवं प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन की लगभग 130 टेक्नालाजी को विकसित करना एवं उसके प्रति जागरूकता पैदा करना है। मंत्री श्री तोमर ने इस अवसर पर कहा कि सेंटर की मदद से चंबल क्षेत्र ही नहीं अपितु प्रदेश और देश के किसानों और कृषि उत्पादक संगठनों को मदद मिलेगी एवं आधुनिक टेक्नोलोजी को किसानों तक पहुंचा कर उन्हे लाभ प्रदान किया जायेगा। उन्होने नाबार्ड की प्रशंसा करते हुये कहा कि नाबार्ड ने सेंटर हेतु सहायता के लिए विशेष नीति बनाई और कृषि क्षेत्र से जुड़ी संस्थाओं के माध्यम से इस कार्य को आगे बढ़ा रहे हैं। मंत्री जी बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने बार-बार स्टार्ट अप के क्षेत्र में देश के योगदान को रेखांकित किया है।
देश में 44 स्टार्ट अप यूनिकॉर्न की श्रेणी में हैं, परंतु उनमें से कोई भी कृषि फोकस स्टार्ट अप नहीं है। हम सबका प्रयास होना चाहिए कि कृषि क्षेत्र में पहला यूनिकॉर्न मध्य प्रदेश के ग्वालियर से आए। राजमाता सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय में स्थापित इस सेंटर की गतिविधियों को मैं नजदीक से देखता रहूँगा और समय समय पर प्रगति के विषय में जानकारी भी लेता रहूँगा। इसी के साथ सेंटर की सफलता के लिए नाबार्ड तथा कृषि उन्होंने बताया कि कोरोना काल में एग्रीकल्चर केवल एक ऐसा सेक्टर था जो अच्छा काम कर रहा था। किसान भाइयों ने खेती किसानी का काम ऐसे मुश्किल दौर में भी नही छोड़ा तथा सरकार ने एमएसपी पर खरीदने का काम जोरो पर किया।उन्होंने बताया कि खेती के क्षेत्र में नवाचार, इनक्यूबेशन सेंटर इत्यादि को बढ़ावा देना आज के समय की आवश्यकता है।उन्होंने पीएमएफबीवाई के बारे में बताया कि लाखों किसान इससे लाभान्वित हुए है। सरकार कृषक समूह बना रही है और किसानों को बाजार से जोड़ने का काम भी कर रही है।
पिछले 5 सालों में सरकार ने एम एस पी पर खरीद लगभग दोगुनी कर दी है, सरकार मोटा अनाज उगाने एवं खरीदने के लिए भी जोर दे रही है। कृषि के अलावा फूलों, फलो एवं को भी आगे बढ़ाने में सरकार पूरा प्रयास कर रही हैं। सरकार आज लगभग डेढ़ लाख करोड रुपए किसानों को अलग-अलग सेक्टर में जैसे एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड में एक लाख करोड़, पशुपालन में 15000 करोड, मछली पालन में 10000 करोड, मधुमक्खी पालन में 5000 करोड़, हर्बल में 4000 करोड़ की मदद दे रही है।
इन सब कार्यों को आगे बढ़ाने में नाबार्ड जैसी संस्था का बहुत महत्व है।इस अवसर नाबार्ड अध्यक्ष श्री जी. आर. चिंतला ने बताया कि कृषि क्षेत्र में उत्पादन में वृद्धि के अलावा यह चुनौती भी है कि अधिक उत्पादन को प्रोसेसिंग से जोड़कर किसानों को उत्पाद के उचित मूल्य किस प्रकार सुनिश्चित कराये जा सकें। एक अन्य चुनौती यह भी है कि युवाओं को कृषि क्षेत्र में रोजगार देना और यह सुनिश्चित करना कि नई पीढ़ी कृषि क्षेत्र से बाहर न जाकर, नई तकनीक और अपनी ऊर्जा के माध्यम से कृषि क्षेत्र को लाभकारी कैसे बनाए। ऐसी समस्याओं के समाधान में नाबार्ड-एबिक एक अहम रोल अदा करेगा।