भोपाल । मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश की हरियाली और खुशहाली के लिए जो दिन-रात काम करता है, ऐसे किसानों को मैं शीश झुका कर प्रणाम करता हूँ। भगवान के बाद मेरे लिए श्रद्धा के केन्द्र हैं किसान। किसानों के श्रम से आज अन्न के भंडार भरे पड़े हैं। किसान अन्नदाता भी हैं और प्रदेश के भाग्य विधाता भी। देश आपका ऋणी है। मैं किसानों की जिंदगी में सुख, शांति, सुकून और समृद्धि लाने और आपकी जिंदगी बदलने के लिए मुख्यमंत्री बना हूँ। किसानों के लिए सरकार के खजाने में पैसों की कभी कमी नहीं होगी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने मुख्यमंत्री किसान-कल्याण योजना में प्रदेश के 44 जिलों के किसानों के खातों में किसान सम्मान निधि की राशि अंतरित की। मिंटो हॉल भोपाल में आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम कन्या पूजन से आरंभ हुआ। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने दीप भी प्रज्वलित किया। राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत कार्यक्रम में झाबुआ से वर्चुअली शामिल हुए।
मिंटो हॉल में आयोजित कार्यक्रम में नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह तथा विधायक एवं पूर्व प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा तथा अधिकारी और कृषक सम्मिलित हुए। मुख्यमंत्री किसान-कल्याण योजना के इस कार्यक्रम में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संबंधित जिलों के किसान, जन-प्रतिनिधि एवं अधिकारी वर्चुअली शामिल हुए। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने 77 लाख किसानों के खातों में 1540 करोड़ रूपये
सिंगल क्लिक से अंतरित किए। राज्य शासन द्वारा दी जा रही यह राशि वित्तीय वर्ष 2021-22 की
है। इस कार्यक्रम में आदर्श आचरण संहिता वाले जिलों को शामिल नहीं किया गया है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी किसानों के कल्याण और उनकी आय दोगनी करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसी के परिणामस्वरूप साल में तीन बार दो-दो हजार रूपए की तीन किस्त कुल छह हजार रूपए प्रधानमंत्री श्री मोदी की ओर से किसानों के खाते में जारी किए जाते हैं। इसी को आगे बढ़ाते हुए राज्य सरकार द्वारा चार हजार रूपए प्रतिवर्ष मुख्यमंत्री किसान-कल्याण योजना के अंतर्गत किसानों के लिए जारी करने का निर्णय कोरोना काल में लिया गया।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि 2003 से पहले
तक प्रदेश का कुल कृषि उत्पादन केवल दो करोड़ 14 लाख मीट्रिक टन था। अब प्रदेश के अन्नदता 6 करोड़ मीट्रिक टन अनाज का उत्पादन कर रहे हैं। अन्न उत्पादन में तीन गुना की वृद्धि हुई है। कृषि विकास दर की औसत दर 2003 से पहले
लगभग 2 से 3 प्रतिशत हुआ करती थी। किसानों की मेहनत और राज्य सरकार की योजनाओं से कृषि विकास की दर बढ़कर अब 18 प्रतिशत
हो गई है। किसानों के प्रयासों और सिंचाई क्षमता में हुई वृद्धि से प्रदेश को 7 सात बार
कृषि कर्मण पुरस्कार प्राप्त हुआ है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि यह उपलब्धियाँ सिंचाई बढ़ने से संभव हुई हैं। पूर्व में सिंचाई की कोई पुख्ता योजना नहीं होने से प्रदेश का सिचिंत रकबा केवल 7 लाख 50 हजार
हेक्टेयर हुआ करता था, जो पिछले
17 सालों में बढ़कर 42 लाख हेक्टेयर तक पहुँचा है। यह छह गुना वृद्धि दिन-रात काम करने के परिणामस्वरूप संभव हुई है। नदी जोड़ो योजना में प्रदेश में ऐतिहासिक काम हुआ है। असंभव को संभव बनाकर प्रदेश के कई क्षेत्रों में किसानों के खेत तक नर्मदा मैया का पानी पहुँचाया गया। इसके लिए नर्मदा मैया का पानी क्षिप्रा जी में पाईप से लाया गया। गंभीर नदी, कालीसिंध
और पार्वती नदी को भी जोड़ा गया है। बरगी का पानी सतना तक टनल के माध्यम से पहुंचाने के लिए भी सरकार प्रोजेक्ट मोड में काम कर रही है। हाल ही में राज्य सरकार ने 1387 करोड़ की
झिरन्या माइक्रो उद्ववहन सिंचाई योजना को स्वीकृति प्रदान की है। इस योजना के निर्माण से खरगोन जिले के झिरन्या तहसील के 86 ग्रामों
के लिए 39 हजार
520 हेक्टेयर सिंचाई क्षमता निर्मित होगी। इसी प्रकार देवास जिले में हाटपिपल्या माइक्रो उद्ववहन सिंचाई परियोजना स्वीकृत की गई है, इससे
462 गाँव लाभान्वित होंगे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश की सम्पूर्ण कृषि भूमि को सिंचाई सुविधा देने के लिए हरसंभव कोशिश जारी है। हमारा प्रयास है कि 2025 तक 65 लाख
हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा उपलब्ध हो।