काबुल: पूर्वी अफगानिस्तान के नंगरहार प्रांत में सोमवार दोपहर को आए तूफान और बाढ़ में कम से कम 35 लोगों की मौत हो गई है। वहीं 250 से ज्यादा लोग इस आपदा से घायल हुए हैं। नंगरहार के सूचना और संस्कृति के प्रांतीय निदेशक कुरैशी बैडलोन के अनुसार इस प्राकृतिक आपदा ने प्रांत की राजधानी जलालाबाद सुर्ख रोड जिले और पाकिस्तान की सीमा से लगे प्रांत के उनके पड़ोसी क्षेत्रों को बुरी तरह से प्रभावित किया है। स्थानीय अधिकारियों को अंदेशा है कि बाढ़ की भयावहता को देखते हुए मरने वालों की संख्या और ज्यादा बढ़ सकती है।नंगरहार के पड़ोसी कुनार प्रांत में भी सोमवार को ही आई बाढ़ ने पांच लोगों की जान ली है। ऐसे में सोमवार को एक ही दिन में बाढ़ से 40 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है। अफगानिस्तान में मई से अब तक यानी करीब ढाई महीने में भारी बारिश और बाढ़ की वजह से 400 से ज्यादा लोग मारे गए हैं और हजारों लोग बेघर हो गए हैं। बड़ी तादाद में पशु भी बाढ़ में मरे हैं। लोगों की प्रोपर्टी का भी काफी ज्यादा नुकसान इस दौरान हुआ है।
बाढ़ में बह गए हजारों घर
अफगानिस्तान के नंगरहार प्रांत के सुर्ख रोड जिले में अचानक आई बाढ़ की वजह से काफी ज्यादा नुकसान हुआ है। इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ रेड क्रॉस एंड रेड क्रिसेंट सोसाइटी (आईएफआरसी) ने कहा है कि अफगानिस्तान में घातक बाढ़ ने इमरजेंसी के हालात पैदा कर दिए हैं क्योंकि देश में पहले ही गंभीर मानवीय संकट है। संस्था ने बताया है कि अफगानिस्तान का बड़ा हिस्सा, 34 में से 25 प्रांत प्रभावित हैं। सिर्फ बगलान प्रांत में अब तक 200 से अधिक मौतें हुई हैं। अपने घर बह जाने के बाद हजारों विस्थापित लोगों के पास रहने को कोई जगह नहीं है।आईएफआरसी ने अफगान रेड क्रिसेंट सोसाइटी (एआरसीएस) के साथ मिलकर काम करते हुए राजधानी से अतिरिक्त राहत सामग्री जुटाई है। अफगान रेड क्रिसेंट विस्थापित लोगों के लिए पका हुआ भोजन और अस्थायी आश्रय, आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाएं और अन्य प्रकार की सहायता सुनिश्चित करने के अपने प्रयास बढ़ा रहा है। आईएफआरसी के नेसेफोर मघेंडी ने कहा है कि अफगानिस्तान में लोगों की परेशानी शब्दों से परे है। नई आपदा पहले से ही मुश्किलों का सामना कर रहे देश पर और अधिक दबाव बढ़ा रही है।