भोपाल : बीमार का इलाज सबसे पहले जरूरी होता है। इलाज की सुविधा के लिये सिविल हॉस्पिटल, स्वास्थ्य केन्द्र, उप स्वास्थ्य केन्द्र, वेलनेस सेंटर आदि के भवनों के निर्माण को एजेंसियाँ सर्वोच्च प्राथमिकता देकर पूरा करवायें। प्रगतिरत हैं कहकर लंबित नहीं रखें, यह बतायें कि निर्माण कब पूरे होंगे। लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ प्रभुराम चौधरी ने स्वास्थ्य विभाग के निर्माण कार्यों की मंत्रालय में आयोजित समीक्षा बैठक में यह निर्देश निर्माण एजेंसियों के अधिकारियों को दिये।
मंत्री डॉ. चौधरी ने कहा कि लोक निर्माण विभाग, पीआईयू, हाउसिंग बोर्ड, पुलिस हाउसिंग बोर्ड और स्वास्थ्य विभाग की निर्माण शाखा द्वारा स्वास्थ्य विभाग के निर्माण कार्य किये जा रहे हैं। विभाग द्वारा 1468 करोड़ के 1634 निर्माण कार्य स्वीकृत हैं। उन्होंने कहा कि इनमें से 616 पूर्ण हो चुके कार्यों की सूची, 579 प्रगतिरत और 439 अप्रारंभ कार्यों की सूची उन्हें उपलब्ध करायें। निर्माण एजेंसियाँ जिन कार्यों को शुरू नहीं कर सकीं, उनके स्पष्ट कारण दें। इनके संबंध में निर्माण शुरू करवाने की पहल की जायेगी। मंत्री डॉ. चौधरी ने कहा कि प्रगतिरत और अप्रारंभ कार्यों की जिलेवार और कार्यवार समीक्षा करेंगे। निर्माण कार्य में यदि कोई दिक्कत आ रही है तो उसका तुरंत निराकरण करवायें और निर्माण की रुकावटों को मेरे संज्ञान में भी लायें।
बैठक में बताया गया कि पीआईयू (राज्य मद) के स्वीकृत 123 कार्यों में से 5 पूर्ण, 74 प्रगति पर और 44 को प्रारंभ किया जाना है। पीआईयू (एनएचएम) के 6 स्वीकृत कार्यों में से 5 प्रगतिरत और एक का निर्माण प्रारंभ किया जाना है। लोक निर्माण विभाग को दिये स्वास्थ्य विभाग के 82 कार्यों में से 47 का निर्माण पूर्ण किया जा चुका है, 26 का कार्य प्रगति पर है और 9 कार्यों का निर्माण प्रारंभ किया जाना है। हाउसिंग बोर्ड को स्वीकृत 230 निर्माण कार्यों में 24 का कार्य प्रगति पर है और 206 का कार्य प्रारंभ किया जाना है। पुलिस हाउसिंग बोर्ड द्वारा स्वास्थ्य विभाग के 186 निर्माण कार्यों में 47 निर्माण कार्यों को पूर्ण कर लिया गया है, 100 कार्य प्रगतिरत हैं और 39 कार्यों को प्रारंभ किया जाना है। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग ने स्वास्थ्य विभाग के 332 स्वीकृत कार्यों में से 277 को पूर्ण कर दिया गया है। स्वास्थ्य विभाग की भवन शाखा को स्वीकृत 675 निर्माण कार्यों में से 240 कार्य पूर्ण कर लिये गये, 330 कार्य प्रगति पर हैं और 102 कार्यों को प्रारंभ किया जाना है।
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. चौधरी ने अब तक कार्य प्रारंभ नहीं होने वाले 439 कार्यों में सबसे ज्यादा 45 निर्माण कार्य भूमि अप्राप्त होने के कारण एजेंसियों पर अप्रसन्नता प्रकट की। उन्होंने कहा कि संबंधित अधिकारी जिला कलेक्टर से सम्पर्क कर भूमि आवंटित करवायें। उन्होंने कहा कि वह स्वयं भी कलेक्टर्स से बात कर स्वास्थ्य केन्द्रों के लिये भूमि उपलब्ध कराने को कहेंगे। मंत्रालय में इससे पूर्व स्वास्थ्य मंत्री डॉ. चौधरी ने एमपीपीएचएससीएल की भी समीक्षा की। समीक्षा बैठक में एसीएस लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मोहम्मद सुलेमान, स्वास्थ्य आयुक्त डॉ. संजय गोयल और अन्य अधिकारी मौजूद थे।