नई दिल्ली । राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी नेता शरद पवार ने महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी पर हमला बोलते हुए कहा कि उनके कामों में भाजपा की नीचले दर्जे की राजनीति नजर आती है। पवार का यह बयान तब आया है जबकि 3 मार्च को बजट सेशल की शुरुआत से पहले राज्यपाल कोश्यारी विधानसभा छोड़कर चले गए थे। सदन में नेताओं ने नारेबाजी शुरू कर दी और इसके बाद राज्यपाल नाराज होकर वहां से चले गए। इस घटना के बाद से महाविकास अघाड़ी और भाजपा के बीच तनातनी बढ़ गई है और आपस में आरोप प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है।
एनसीपी, शिवसेना और कांग्रेस ने पीएम मोदी और राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से राज्यपाल के इस रवैये पर कार्रवाई करने की मांग की है। पवार ने कहा, 'महाराष्ट्र के गवर्नर के रूप में मैंने कई महान लोगों को देखा है जिसमें श्री प्रकाश और पीसी अलैक्जेंडर शामिल हैं। इसी सूची में भगत सिंह कोश्यारी का नाम भी जुड़ गया है। वह निचले दर्जे की राजनीति का उदाहरण बन गए हैं। कई बार उन्होंने राज्य सरकार के लोकतांत्रिक अधिकारों का भी हनन किया है। बीते वर्ष उन्होंने 12 एमएलसी बनाए जो कि केंद्र सरकार के इशारे पर बनाए गए थे। शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि राज्यपाल भाजपा के स्टेट यूनिट के प्रेसिडेंट की तरह काम कर रहे हैं।
केंद्र को उन्हें वापस बुला लेना चाहिए और महाराष्ट्र में दूसरा राज्यपाल नियुक्त करना चाहिए। ऐसे लोगों की वजह से लोकतंत्र और स्वतंत्रता की छवि धूमिल हो जाती है। वहीं पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि महाविकास अघाड़ी के कुछ नेता राज्यपाल को टारगेट कर रहे थे। राज्यपाल संविधान के मुताबिक ही काम कर रहे थे लेकिन राज्य सरकार ऐसा नहीं कर रही थी। भाजपा विधायक अतुल भातखलकर ने कहा कि संजय राउत और ठाकरे को राज्यपाल पर निशाना साधने की जगह अपने राज्य में किसानों की हालत पर गौर करना चाहिए। किसान आत्महत्या कर रहे हैं और उनका बिजली का कनेक्शन काट दिया जा रहा है।