भोपाल । भोपाल एम्स में इंटर्न डॉक्टर प्रबंधन के मांगों को पूरा करने के आश्वासन के बाद सात दिन की हड़ताल के बाद आठवें दिन बुधवार को काम पर लौट आएं। डॉक्टरों का कहना है कि प्रबंधन ने मांगों को पूरा करने के लिए तीन सप्ताह का समय मांगा है। तब तक हम हाथों पर काली पट्टी बांध कर काम करेंगे। इसके बाद भी हमारी मांगों पर कोई कार्रवाई नहीं होती है तो हम फिर भूख हड़ताल पर बैठ जाएंगे। इंटर्न डॉक्टर कोरोनाकाल में मरीजों की सेवा करने के लिए प्रबंधन की तरफ से किए वादे के अनुसार कोविड इंसेटिव की मांग कर रहे है।
बता दें इंटर्न डॉक्टर ने एम्स प्रबंधन पर 54 दिन का कोविड इंसेटिव नहीं देने का आरोप लगाया है। इंटर्न डॉक्टरों का कहना है कि उन्होंने 17 अप्रैल से 9 जून तक कोरोना मरीजों की सेवा की है। प्रबंधन ने प्रत्येक डॉक्टर को 8 घंटे के 1 हजार रुपए कोविड इंसेटिव देने का वादा किया, लेकिन अब अपनी ही बात से प्रबंधन मुकर गया है। 100 इंटर्न डॉक्टर का प्रबंधन पर कोविड इंसेटिव नहीं देने का आरोप है। इससे पहले इंटर्न डॉक्टर की मंगलवार सुबह भूख हड़ताल शुरू हुई और शाम को डॉयरेक्टर ने बिस्किट खिलाकर भूख हड़ताल खत्म कराई। इससे पहले रविवार को सांसद प्रज्ञा ठाकुर ने एम्स पहुंचकर इंटर्न डॉक्टरों से मुलाकात कर उनकी समस्याएं सुनी थीं। डॉक्टरों ने सांसद को अपनी मांग के संबंध में जानकारी दी। इस पर सांसद ने डॉक्टरों को आश्वस्त किया कि उनकी मांगों को लेकर जरूरत पडऩे पर वह केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री से बात करेंगी। इसके बाद इंटर्न डॉक्टरों ने अपनी सोमवार को प्रस्तावित भूख हड़ताल को एक दिन के लिए टाल दी थी। बताया जा रहा है कि सांसद के हस्तक्षेप के बाद ही प्रबंधन डॉक्टरों की हड़ताल को खत्म करने के लिए गंभीर हुआ।