भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज मंत्रालय में औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग की योजनाओं की समीक्षा की। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि औद्योगिक विकास के कार्यों को गति प्रदान की जाए। इंदौर-भोपाल के मध्य सोनकच्छ-आष्टा के बीच एयर कार्गो एक महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट है। इसे मिशन मोड पर पूरा करने के लिए प्रयास हों। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने निर्देश दिए कि ऐसे प्रयास करें कि इस प्रोजेक्ट के कार्यों को इसी वर्ष आकार मिलना प्रारंभ हो जाए।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में इस वर्ष नए निवेश प्रयासों से सात औद्योगिक पार्कों से 50 हजार से अधिक रोजगार मिलना अनुमानित है। साथ ही और रतलाम, देवास, पीथमपुर के नए निवेश क्षेत्रों के साथ ही इंदौर-पीथमपुर इकनोमिक कॉरीडोर के क्रियान्वयन के फलस्वरूप 20 हजार से अधिक लोगों को रोजगार प्राप्ति का अनुमान है। सात औद्योगिक पार्कों में प्रस्तावित निवेश 32 हजार 900 करोड़ रूपये रहेगा। रतलाम, देवास, पीथमपुर की संयुक्त लागत लगभग पौने चार हजार करोड़ रूपये होगी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने पीएम गति-शक्ति जैसे मॉडल कार्यक्रम क्रियान्वित करने के लिए विभिन्न अधो-संरचना विभागों को सक्रिय भूमिका निभाने के निर्देश दिए। बैठक में औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन मंत्री राजधर्वन सिंह दत्तीगांव, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस सहित अधिकारी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश में भारत सरकार से प्राप्त मेडिकल उपकरण पार्क की स्वीकृति के बाद स्वास्थ्य और शिक्षा क्षेत्रों में निजी क्षेत्र की भागीदारी को बढ़ाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि फार्मा विभाग भारत सरकार से मिली मंजूरी के बाद यह पार्क विक्रम उद्योगपुरी उज्जैन में विकसित किया जायेगा। इसी तरह होशंगाबाद जिले में मोहासा बाबई औद्योगिक क्षेत्र में बल्क ड्रग पार्क की स्थापना के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने प्रदेश में भविष्य की यातायात जरूरतों के लिए हब एंड स्पोक एयरपोर्ट मॉडल के रूप में विकसित करने की संभावनाओं का दोहन करने के निर्देश दिए। उड़ानों की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए करीब 10 हजार हेक्टेयर में ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट प्रस्तावित है। "एक जिला-एक उत्पाद" योजना में 6 जिलों के उत्पाद ई-कॉमर्स प्लेटफार्म पर बेचे जाने लगे हैं। इन उत्पादों को अंतर्राष्ट्रीय एवं राष्ट्रीय स्तर पर बेचने और प्रदेश के अन्य मुख्य उत्पादों के निर्यात के लिए भी प्रयास किए जाएँ। प्रदेश के सिंगल विण्डो सिस्टम को भारत सरकार ने बेस्ट प्रेक्टिसेज में शामिल किया है। इसमें 12 विभागों की 45 सेवाओं को एकीकृत किया गया है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि वर्ष 2022 के प्रस्तावित प्रोजेक्ट्स में भोपाल में बैरसिया के औद्योगिक पार्क एवं आई.टी. पार्क, सीहोर जिले में आष्टा (झिलेला) के औद्योगिक पार्क और इंदौर के निकट धार में औद्योगिक (तिलगारा) पार्क, रतलाम में मेगा औद्योगिक पार्क, नरसिंहपुर औद्योगिक पार्क, इंदौर आई.टी. पार्क-3 शामिल हैं। इनकी संयुक्त परियोजना लागत 1414 करोड़ रूपये है। परियोजना से करीब 52 हजार 450 लोगों को रोजगार मिलने की भी संभावना है।
- नई नीतियों को मिली मंजूरी
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में पूर्व में फार्मास्यूटिकल्स, लॉजिस्टिक्स, टेक्सटाइल, गारमेंट और फूड प्रोसेसिंग नीतियाँ मंजूर हैं। इस वर्ष ऑक्सीजन और इथेनॉल उत्पादन की नीतियाँ मंजूर की गई हैं। जिन पाँच नीतियों का मसौदा तैयार है उनमें उद्योग संवर्धन नीति 2022, इलेक्ट्रिक वाहन निर्माण नीति, लॉजिस्टिक्स एवं वेयरहाउसिंग नीति, राइस मिलिंग नीति और फार्मास्यूटिकल्स नीति शामिल है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि रक्षा क्षेत्र की इकाइयों के लिए नीति के प्रारूप को भी जल्द अंतिम रूप दिया जाए। जबलपुर को केन्द्र में रखकर इस क्षेत्र में नवीन निवेश लाने के प्रयास हों।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रस्तावित मेडिकल डिवाइसेस पार्क का लाभ भी प्रदेश को मिलेगा। भारत सरकार ने इसके लिए सैद्धांतिक स्वीकृति प्रदान की है। भारत माला परियोजना के प्रथम चरण में इंदौर और भोपाल में मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक पार्क स्थापित होंगे। इसके लिये इंदौर में भूमि चिन्हांकित कर ली गई है। द्वितीय चरण में जबलपुर और ग्वालियर में भी लॉजिस्टिक पार्क स्थापित करने की तैयारी की जाए। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि भारत सरकार की सहायता से मध्यप्रदेश में पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस क्षेत्र में मौजूद अवसरों का पता लगाया जाए। प्रमुख सचिव संजय शुक्ला ने प्रदेश में निवेश संबंधी प्रजेंटेशन दिया।
- मुख्यमंत्री श्री चौहान के प्रमुख निर्देश
विश्व स्तरीय अधो-संरचना के निर्माण के लक्ष्य की प्राप्ति की जाए।
उद्योग संवर्धन नीति 2022 के प्रारूप को अंतिम रूप देकर शीघ्र लागू करें।
अटल प्रोग्रेस-वे दूरी 404 किलोमीटर और नर्मदा एक्सप्रेस-वे के माध्यम से आर्थिक समृद्धि के प्रयासों को गति मिलेगी। इनसे 50 हजार से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा। इन दोनों योजनाओं से संबंधित प्रक्रियाओं को पूरा करने में सहयोग करें।
"एक जिला-एक उत्पाद" योजना के कार्यों को बढ़ाने के लिए उद्योग विभाग निरंतर समन्वय करें।
प्रदेश में पाँच नवीन नीतियाँ तैयार हैं। इनके क्रियान्वयन पर फोकस करें।
वायब्रेंट गुजरात के प्रस्तावित कार्यक्रम में प्रदेश के अधिकारी भागीदारी करें।
दिल्ली स्थित विभिन्न देशों के राजदूतों और अन्य देशों में पदस्थ भारतीय राजदूतों से भी निवेश संवर्धन में सहयोग प्राप्त किया जाए।
मध्यप्रदेश में सोयाबीन का व्यापक उत्पादन है। सोया आइल के निर्यात और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के प्रयास हों।
उद्योगों को औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों से लिंक किया जाए। बेरोजगार युवाओं को इसका लाभ मिलेगा।
मध्यप्रदेश में अन्य राज्यों से निवेश औसत अधिक होने की उपलब्धि को प्रचारित भी करें।
प्र-संस्करण उद्योगों को प्रोत्साहित किया जाए।
निवेश प्रोत्साहन पोर्टल का अधिकतम उपयोग हो।