हिंद-प्रशांत पर बैठक में भाग लेंगे जयशंकर

Updated on 22-02-2022 08:52 PM

नई दिल्ली एस जयशंकर पेरिस में यूरोपीय संघ की एक महत्वपूर्ण बैठक में भाग लेंगे जहां हिंद-प्रशांत और चीन की भूमिका पर चर्चा होगी. बैठक से पहले जयशंकर ने माना कि भारत और चीन के रिश्ते इस समय एक "बड़े मुश्किल चरण" से गुजर रहे हैं.

भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर फ्रांस की तीन दिवसीय यात्रा पर 20 फरवरी को पेरिस पहुंचे. वहां वो कई द्विपक्षीय मुलाकातों के अलावा हिंद-प्रशांत पर यूरोपीय विदेश मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेंगे. पेरिस पहुंच कर जयशंकर ने फ्रांस के विदेश मंत्री जौं ईव द्रीयौं से भारत-फ्रांस सहयोग, यूक्रेन में स्थिति और हिंद-प्रशांत क्षेत्र जैसे विषयों पर बातचीत की।

मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक यूक्रेन पर दोनों नेताओं ने यह माना कि तनाव को कम करने के लिए दोनों देश बहुपक्षवाद और नियम आधारित व्यवस्था के सिद्धांतों का समर्थन करते हैं। हालांकि इस दौरे में सबकी नजर जयशंकर के हिंद-प्रशांत सम्मेलन में भाग लेने पर रहेगी।

बीते कुछ समय से यूरोपीय देशों ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र की तरफ अपना ध्यान केंद्रित किया हुआ है। संघ ने सितंबर 2021 में हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सहयोग की रणनीति की घोषणा की थी। यह इस तरह का पहला कार्यक्रम है। इसमें यूरोपीय संघ के सदस्य देशों के विदेश मंत्री और हिंद-प्रशांत क्षेत्र के 30 देशों के विदेश मंत्रियों से मिलेंगे।

कार्यक्रम की अध्यक्षता फ्रांस और संघ मिल कर करेंगे।  सम्मेलन में जलवायु परिवर्तन से लेकर वैश्विक गवर्नेंस और समुद्री सुरक्षा जैसे विषयों पर चर्चा होगी। माना जा रहा है कि यूरोपीय देश इस प्रांत में चीन की बढ़ती महत्वाकांक्षाओं को लेकर चिंतित हैं और इसके खिलाफ संदेश देना चाहते हैं।

इसी उद्देश्य से पिछले साल जर्मनी ने अपना जंगी जहाज भी इस इलाके में भेजा था। इसे जर्मनी ने अगस्त में इंडो-पैसिफिक प्रांत में "गश्त और प्रशिक्षण" के एक अभियान पर भेजा था। उसके बाद दक्षिणी चीन सागर में प्रवेश कर यह करीब 20 सालों में ऐसा करने वाला पहला जर्मन युद्धपोत बन गया था।

चीन पूरे दक्षिणी चीन सागर पर अपने स्वामित्व का दावा करता है लेकिन अन्य देश इस दावे से सहमत नहीं हैं। एक अंतरराष्ट्रीय ट्रिब्यूनल ने एक फैसले में यह भी कहा था कि चीन के दावों का कोई कानूनी आधार नहीं है। लेकिन चीन ने अपनी नीति जारी रखी है और इलाके में कई सैन्य सीमा चौकियां भी बना ली हैं।

चीन को इस बैठक में नहीं बुलाया गया है। हालांकि यूरोपीय संघ के लिए भी यह स्थिति एक रस्सी पर चलने जैसी है क्योंकि चीन के साथ यूरोपीय देशों के गहरे व्यापारिक रिश्ते भी हैं। इस लिहाज से भारत और ईयू दोनों ही इस सम्मेलन से किस तरह के संदेश देंगे यह देखना दिलचस्प होगा


अन्य महत्वपुर्ण खबरें

 28 November 2024
साइबर ठगी के दो केसों में दो बुजुर्गों से करीब 15 करोड़ रुपए के फ्रॉड के मामले सामने आए हैं। दोनों मामले मुंबई के हैं। एक मामले में पुलिस ने…
 28 November 2024
जिरीबाम से अगवा कर मारे गए 6 लोगों में बाकी 3 लोगों की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट बुधवार को आई। इसमें एक महिला और दो बच्चे शामिल हैं। तीनों के शवों पर…
 28 November 2024
दिल्ली में प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई होगी। 25 नवंबर को पिछली सुनवाई में कोर्ट ने कहा था- प्रदूषण कम होने तक दिल्ली में ग्रैप-4 लागू रहेगा।…
 28 November 2024
मुंबई में महिला पायलट सुसाइड केस में नए खुलासे हुए हैं। पुलिस जांच में सामने आया कि आरोपी बॉयफ्रेंड महिला को प्रताड़ित करता था। उसकी बेइज्जती की। दोनों के बीच…
 28 November 2024
जम्मू-कश्मीर के अलगाववादी नेता यासीन मलिक की फिजिकल पेशी पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई होगी। जम्मू ट्रायल कोर्ट ने मलिक को फिजिकल पेशी का आदेश दिया था। इस आदेश…
 28 November 2024
अजमेर की ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह में संकट मोचन महादेव मंदिर होने का दावा किया गया है। अजमेर सिविल कोर्ट में लगाई गई याचिका को कोर्ट ने सुनने योग्य…
 28 November 2024
महाराष्ट्र में आज नए मुख्यमंत्री का ऐलान हो सकता है। इसके लिए महायुति के तीनों दलों के नेताओं की दिल्ली में बैठक होगी। यह तय माना जा रहा है कि…
 28 November 2024
केरल के वायनाड से चुनाव जीतकर प्रियंका गांधी गुरुवार को पहली बार लोकसभा पहुंचीं। उन्हें सांसद पद की शपथ दिलाई गई। प्रियंका ने हिंदी में शपथ ली। इस दौरान उन्होंने…
 28 November 2024
संसद के शीतकालीन सत्र का गुरुवार को तीसरा दिन था। प्रियंका गांधी पहली बार संसद पहुंचीं। उन्होंने लोकसभा में सांसद पद की शपथ ली। इस दौरान हाथ में संविधान की…
Advt.