भोपाल । प्रदेश में कोरोना वायरस की तीसरी लहर में भर्ती होने वाले और गंभीर मरीजों की संख्या दूसरी दूसरी लहर के मुकाबले कई गुना कम है। हालांकि दूसरी लहर के मुकाबले तीसरी लहर में मरीजों की संख्या चार गुना ज्यादा रफ्तार से बढ़ रही है।
बता दें कि दूसरी लहर में 10 मई 2021 को प्रदेश में सर्वाधिक एक लाख 11 हजार 223 सक्रिय मरीज थे। इनमें 74 फीसद होम आइसोलेशन और 26 फीसद अस्पतालों में भर्ती थे। भर्ती मरीजों में से 6 फीसद गहन चिकित्सा इकाई (आईसीयू ) में थे। भर्ती मरीजों में 12 फीसद को ऑक्सीजन की जरूरत पड़ रही थी। बाकी साधारण आइसोलेशन बिस्तर में थे। अब तीसरी लहर की बात करें तो 12 जनवरी को प्रदेश में 14,413 सक्रिय मरीज थे। इनमें 13,820 यानी 96 फीसद होम आइसोलेशन में थे।
भर्ती मरीजों में 393 यानी कि 2.8 फीसद साधारण बिस्तर में भर्ती थे जिन्हें ऑक्सीजन की जरूरत भी नहीं थी। एक फीसद ऑक्सीजन बेड पर थे, जबकि 0.2 फीसद आईसीयू/एचडीयू में भर्ती थे। तीसरी लहर में प्रदेश में 28 दिसंबर से मरीजों की संख्या बढ़ना शुरू हुई है। इसमें शुरू से लेकर अब तक भर्ती होने वाले मरीजों और उनमें ऑक्सीजन सपोर्ट और आईसीयू में भर्ती रहने वाले मरीजों का अनुपात लगभग यही है।
हालांकि कोरोना की दूसरी लहर में 11 दिन में मरीज दोगुने हो रहे थे, जबकि तीसरी लहर में तीन दिन में हो रहे हैं। भारतीय विज्ञान संस्थान और बेंगलुरू स्थित भारतीय सांख्यिकी संस्थान का अनुमान है कि प्रदेश में फरवरी के पहले हफ्ते में हर दिन 19000 मरीज मिलेंगे। इस दौरान सक्रिय मरीजों की सर्वाधिक संख्या 1 लाख 52 हजार होगी।
अभी करीब 4 फीसद मरीज ही भर्ती हो रहे हैं, लेकिन कोरोना के पीक के दौरान सक्रिय मरीजों के 10 फीसद यानी 15200 मरीजों के अस्पतालों में रहने का अनुमान है। हालाकि मौजूदा स्थिति में निजी और सरकारी अस्पतालों में मिलाकर 50,873 उपलब्ध हैं। दूसरी लहर के मुकाबले तीसरी लहर में 6408 अतिरिक्त बिस्तरों की व्यवस्था की गई है। हालांकि ज्यादातर मरीजों को आईसीयू में रखने की जरुरत कम ही पड रही है।