हल्द्वानी। उत्तराखंड के राजकीय मेडिकल कालेज में रैगिंग को लेकर जूनियर छात्रों के सिर मुंडवाने के मामले में रैगिंग की पुष्टि नहीं हुई है। एंटी रैगिंग कमेटी की बैठक में छात्रों ने किसी तरह की रैगिंग होने से इन्कार किया है। सिर मुंडवाने पर बालों में रूसी, सिर में दाने, एलर्जी होने जैसे तर्क दिए हैं। वायरल वीडियो में सिर झुकाकर व हाथ पीछे कर चलते दिखने को मेडिकल छात्रों ने अनुशासन बताया है। यह अनुशासन किसने तय किया, इस सवाल पर छात्र अनुत्तरित रहे। हल्द्वानी राजकीय मेडिकल कालेज के एमबीबीएस प्रथम वर्ष के 27 छात्रों का शनिवार को वीडियो वायरल हुआ था। वीडियो वायरल होने के बाद रैगिंग की चर्चा होने लगी। मामले में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने वायरल वीडियो की सत्यता परखने व किसी तरह की रैगिंग होने पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे। मंगलवार को प्राचार्य डा. अरुण जोशी की अध्यक्षता में एंटी रैगिंग कमेटी की ढाई घंटे तक बैठक हुई।
सिटी मजिस्ट्रेट ऋचा सिंह, एएसपी हरवंश सिंह, कालेज के विभाग प्रमुखों व मीडिया प्रतिनिधियों की मौजूदगी में छात्रों से बात की गई। छात्रों ने किसी भी तरह के दवाब व रैगिंग से इन्कार कर दिया। छात्र-छात्राओं के लिखित बयान भी लिए गए। बैठक में डा. जीएस तितियाल, डा. विनीता रावत, डा. हरिशंकर पांडे, डा. गीता जैन, यूजी सेल प्रमुख हरिमोहन उपाध्याय, पीजी सेल प्रमुख अमित दुम्का आदि मौजूद रहे। इससे पहले अनुशासन समिति की बैठक में कालेज व हास्टल में निगरानी प्रक्रिया को अधिक मजबूत करने पर मंथन हुआ।
पूरी कक्षा में दो छात्र बिना बाल कटे मिले। इसमें एक सिख था, जबकि दूसरे का कालेज में प्रवेश एक दिन पहले ही हुआ है। प्राचार्य ने हिदायत दी कि आपका सिर मुंडवाया नहीं होना चाहिए। किसी कारणवश सिर मुंडवाने की जरूरत होती है तो पहले इसकी लिखित अनुमति लेनी होगी। प्राचार्य मेडिकल कालेज डा. अरुण जोशी का कहना है कि समिति सदस्यों ने छात्रों से विस्तार से बात की। अकेले में भी जानकारी ली गई। किसी ने दबाव या रैगिंग से इन्कार किया है। ऐसे में वायरल वीडियो में रैगिंग जैसी किसी बात की पुष्टि नहीं हुई। छात्रों की काउंसलिंग की गई है।