इंदौर : आज की भाग-दौड़ की दुनिया में सेहतमंद जीवनशैली को प्राथमिकता देना आवश्यक है, क्योंकि ऐसा करके हम सुस्त दिनचर्या, अस्वास्थ्यकर खान-पान, और पर्यावरणीय चुनौतियों के विरुद्ध व्यावहारिकता और लचीलेपन को बढ़ावा दे सकते हैं , यह कहना है डॉ. सात्विक खद्दार, मेडिकल ऑन्कोलॉजिस्ट, एचसीजी कैंसर सेंटर इंदौर का । डॉ. सात्विक खद्दार ने बताया कि कैंसर सहित वैश्विक रोग दरों में वृद्धि हो रही है और इस स्थिति में इस चिंताजनक घटना पर जीवनशैली से सम्बंधित आधुनिक फैसलों के प्रभाव को समझना बहुत महत्वपूर्ण है। हालाँकि, इसमें कोई शक नहीं कि आनुवंशिकी (जेनेटिक्स) की भूमिका महत्वपूर्ण होती है, लेकिन अनुसंधान से पता चलता है कि धूम्रपान, शराब का अत्यधिक सेवन, अवास्थ्य्कर आहार, शारीरिक श्रम की कमी, और पर्यावरण के प्रदूषक तत्वों से संपर्क जैसे जीवनशैली से सम्बंधित घटकों से कैंसर होने का ख़तरा काफी बढ़ जाता है।
मेडिकल ऑन्कोलॉजी क्या है ?: मेडिकल ऑन्कोलॉजी चिकित्सा शास्त्र के ऑन्कोलॉजी की एक महत्वपूर्ण शाखा है। यह कैंसर के निदान, उपचार और प्रबंधन में निर्णायक भूमिका निभाती है। इसमें एक बहुविषयक दृष्टिकोण शामिल है जिसका लक्ष्य कैंसर के रोगियों के शारीरिक और भावनात्मक पहलुओं पर फोकस करते हुए उन्हें व्यापक देखभाल प्रदान करना है।
डॉ. सात्विक खद्दार ने बताया कि कैंसर का मुकाबला करने के लिए, मेडिकल ऑन्कोलॉजी मुख्य रूप से कीमोथेरेपी, टार्गेटेड थेरेपी, इम्यूनोथेरेपी, और हार्मोनल थेरेपी सहित दवाओं के प्रयोग पर आधारित है। इन उपचारों का लक्ष्य रोगी के जीवन की गुणवत्ता में सुधार के लिए कैंसर की कोशिकाओं को नष्ट करना, उनकी वृद्धि और प्रसार को रोकना या लक्षणों को दूर करना होता है। लेकिन, यह क्षेत्र अकेले उपचार तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें रोगियों और उनके परिवारों की विविध ज़रूरतों को संबोधित करने के लिए देखभाल करने के अनेक सहयोगात्मक उपाय सम्मिलित हैं।
कैंसर का ठीक-ठीक उपचार : मेडिकल ऑन्कोलॉजी के बुनियादी सिद्धांतों में से एक है व्यक्तिपरक औषधि। इसमें यह माना जाता है कि हर एक रोगी का कैंसर विशिष्ट होता है और उपचार के प्रति अलग-अलग तरह से प्रतिक्रिया कर सकता है। निदान की उन्नत तकनीकों, जैसे कि जेनेटिक टेस्टिंग, मॉलिक्यूलर प्रोफाइलिंग, और इमेजिंग अध्ययनों के माध्यम से ऑन्कोलॉजिस्ट (कैंसर रोग विशेषज्ञ) कैंसर की कोशिकाओं की वृद्धि करने वाले निर्दिष्ट मॉलिक्यूलर बदलावों को लक्षित करने के लिए व्यक्तिपरक ज़रुरत के अनुसार उपचार की योजना बना सकते हैं। यह सटीक नजरिया न केवल उपचार के प्रभाव को अधिकतम स्तर पर ले जाता है, बल्कि संभावित साइड इफेक्ट्स को भी कम करता है, जिससे रोगी को बेहतरीन परिणाम मिलते हैं।
और तो और, मेडिकल ऑन्कोलॉजिस्ट कैंसर की देखभाल के लिए एक सर्वांगीण दृष्टिकोण सुनिश्चित करने के लिए सर्जन्स, रेडिएशन ऑन्कोलॉजिस्ट, नर्सों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, और पैलीएटिव केयर स्पेशलिस्टों सहित अन्य हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स के साथ करीबी संपर्क में काम करते हैं। इस बहुविषयक सहयोग से कैंसर के रोगियों और उनके परिवारों द्वारा झेली जा रही जटिल चिकित्सीय और मनोवैज्ञानिक समस्याओं का विस्तृत आंकलन, समय पर हस्तक्षेप, और साथ मिलकर प्रबंधन करने में आसानी होती है।
रोगी की शिक्षा और सशक्तीकरण : मेडिकल ऑन्कोलॉजिस्ट उपचार के अलावा रोगियों और उनके परिवारों को उनके निदान, उपचार के विकल्पों, संभावित साइड इफेक्ट्स और उन्हें उपलब्ध सहयोगी देखभाल सेवाओं के बारे में शिक्षित भी करते हैं। प्रभावकारी संवाद से साझा निर्णय-निर्धारण को बढ़ावा मिलता है, रोगी अपनी देखभाल में सक्रिय रूप से भागीदारी करने और अपने मूल्यों एवं प्राथमिकताओं के अनुरूप समझदारी से फैसला करने के लिए सशक्त बनते हैं।
इसके अलावा, मेडिकल ऑन्कोलॉजिस्ट अपने रोगियों के लिए हिमायती का काम करते हैं। वे रोगी के हित में नए उपचारों, क्लिनिकल परीक्षणों, और सहयोगपूर्ण देखभाल के संसाधनों की सुलभता के लिए आवाज उठाते हैं, जिनसे रोगी के जीवन की गुणवत्ता और सामान्य तंदुरुस्ती बेहतर बन सकती है। वे कैंसर के उपचार की पूरी अवधि के दौरान रोगी को करुणापूर्वक सहयोग, भावनात्मक मार्गदर्शन, और व्यावहारिक सहायता प्रदान करते हैं। उनके इस व्यवहार से रोगी उपचार के हर चरण में सहयोग-प्राप्त, सूचित और सशक्त महसूस करता है।
डॉ. सात्विक खद्दार ने बताया कि कुल मिलाकर, मेडिकल ऑन्कोलॉजी कैंसर की देखभाल की आधारशिला है। यह कैंसर से प्रभावित रोगियों और उनके परिवारों को आशा, उपचार और सहयोग प्रदान करती है। एक बहुविषयक दृष्टिकोण, उपचार की व्यक्तिपरक रणनीति, और सहानुभूतिपूर्ण देखभाल अपनाकर मेडिकल ऑन्कोलॉजिस्ट बेहतर परिणाम प्राप्त करने, पीड़ा को दूर करने और कैंसर से पीड़ित लोगों की जीवन की सामान्य गुणवत्ता में सुधार करने का प्रयास करते हैं।