राजमंड्रि । मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड ने आंध्रप्रदेश के राजमंड्रि जिले में भीमवरम के करीब स्थित तेल और प्राकृतिक गैस निगम राजमुंदरी असेट को तेल और गैस की संभावनाओं को पूर्व और पश्चिम गोदावरी जिले में कवर करते हुए, रिग की डिलीवरी और 2,000-एचपी भूमि गत ड्रिलिंग रिग्ग को सौंपने में तेजी लाई है। यह एक अत्याधुनिक स्वदेशी तेल रिग है, जिसमें दुनिया में आधुनिक और उत्तम श्रेणी की विशेषताएं हैं। यह 2,000- एचपी रिग 3,000- एचपी पारंपरिक रिग के बराबर काम की क्षमता रखती है। यह स्वदेशी रिग सफलतापूर्वक संचालित किया जा रहा है, और यह 6,000 मीटर (6 किमी) की गहराई तक जमीन के अंदर ड्रिल कर सकता है।
मेघा को ओएनजीसी से 47 रिगों का ऑर्डर मिला है। इनमें से 20 वर्कओवर रिग और 27 भूमि ड्रिलिंग रिग हैं। वहीं 20 वर्कओवर रिग में 50-एमटी क्षमता के 12 शामिल हैं, चार रिग 100-एमटी के हैं, और बाकी चार में 150- एमटी की क्षमता वाली है। यह रिग ओएनजीसी ड्रिलिंग क्षेत्र में शामिल होने वाले अपनी तरह के पहले रिग हैं। ये रिग आने वाले दिनों में कुओं की ड्रिलिंग तकनीक में बहुत लाभदायक साबित होंगे, जो सबसे ज्यादा इस समय की मांग है।
मेघा, असम में शिबसागर, जोरहाट, आंध्र प्रदेश में राजमंड्रि, गुजरात में अहमदाबाद, अंकलेश्वर, मेहसाणा और कैम्बे, त्रिपुरा मे अगरतला एवं तमिलनाडु के करैकल में ओएनजीसी असेट के लिए सभी रिगों का निर्माण और आपूर्ति कर रही है। इन रिगों को पूरे स्वचालन के साथ बनाया गया है ताकी सुरक्षा और रखरखाव में समय ज्यादा ना लगे। इस अवसर मेघा के इन 47 रिग के इनचार्ज सत्यनारायण ने कहा की, “कोविड -19 के बावजूद, मेघा अपने वादे के अनुसार रिग के निर्माण और उनकी डिलीवरी में हम तेजी लाएं है। कंपनी ऊर्जा क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। इन आधुनिक तेल रिगों में दुनिया की सबसे अच्छी और सबसे उन्नत हाइड्रोलिक प्रौद्योगिकी विशेषताएं होंगी। जैसे-जैसे ऊर्जा की कीमतें बढ़ती हैं, उत्तम श्रेणी के रिग भारतीय ऊर्जा क्षेत्र के लिए तेल की ड्रिलिंग के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। गैस कुएं तेजी से और घरेलू उपयोग के लिए तेल और गैस उत्पादन में वृद्धि होगी। “मेक इन इंडिया” और “आत्मनिर्भर भारत” के तहत मेघा स्वदेशी तकनीक के साथ आधुनिक कुशल तेल ड्रिलिंग रिग के निर्माण में भारत का पहला निजी खिलाड़ी है।