सीतापुर में युवक ने अपने परिवार को खत्म कर दिया। मां को गोली मारी। पत्नी को गोली मारने के बाद सिर हथौड़े से कूच दिया। 3 बच्चों को छत से फेंक कर मार दिया। फिर घर के बाहर आया, खुद को गोली मारकर सुसाइड कर लिया।
मामला थाना रामपुर के पालापुर गांव का है। पति गांव में रहकर 100 बीघा जमीन पर खेती करता था। पत्नी लखनऊ में एक इंश्योरेंस कंपनी में नौकरी करती थी। बच्चों को लेकर यहीं रहती थी। शुक्रवार की सुबह ही पत्नी बच्चों को लेकर गांव पहुंची थी।
भाई ने खुद को कमरे में बंद कर लिया
घटना के वक्त अनुराग का भाई अजीत भी घर में मौजूद था। उसने बताया, आज सुबह घर में गोली चलने की आवाज सुनाई दी। जब वह कमरे से बाहर आया तो उसने अनुराग को देखा। अनुराग उसकी तरफ दौड़ा तो उसने खुद को कमरे में बंद कर लिया। पुलिस अजीत से पूछताछ कर रही है।
परिवार में हत्या की वजह बताने वाला कोई रह नहीं गया है। ग्रामीणों से बातचीत में 2 वजह सामने आई है। पहला- शराब छुड़ाने के लिए पत्नी और मां उसे नशा मुक्ति केंद्र भेजना चाहती थीं। दूसरा- नशे के चक्कर में खेती पर ध्यान न देना और इस बात को लेकर घर में विवाद होगा।
ग्रामीणों के सामने खुद को मारी गोली
ग्रामीणों ने बताया, सुबह करीब 5 बजे गांव वालों ने गोलियों की आवाज सुनी। इसके बाद वह अपने घर से बाहर निकल आए। अनुराग बंदूक लिए हुए घर से बाहर निकला था। इसके बाद उसने कनपटी पर बंदूक सटाकर गोली मार ली। जब तक गांव के लोग उसे रोकते, वह गोली चला चुका था।
पड़ोसी घर के अंदर गए। घर के आंगन में तीनों बच्चे खून से लथपथ पड़े थे। ऐसा लग रहा था जैसे उन्हें छत से फेंका गया हो। कमरे में अनुराग की मां की लाश पड़ी थी। छत पर उसकी पत्नी की डेड बॉडी थी। फिर गांव वालों ने तुरंत पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने फोरेंसिक एक्सपर्ट को बुलाया। क्राइम स्पॉट को सील कर जांच की जा रही है।
100 बीघा जमीन पर खेती और 3 महीने से शराब पीने लगा था
गांव वालों ने बताया, अनुराग के पिता की मौत हो चुकी है। घर में 6 लोग ही रहते थे। अनुराग के पास पैसों की कोई कमी नहीं थी। उसके पास करीब 45 बीघा जमीन थी। कॉन्ट्रैक्ट पर 55 बीघा जमीन लेकर करीब 100 बीघा जमीन पर वह आधुनिक खेती करता था। 3 महीने से अनुराग नशा करने लगा था। इसी बात को लेकर घर पर अक्सर झगड़ा होता था। प्रियंका और अनुराग की मां उसे नशा मुक्ति केंद्र ले जाना चाहती थी।
अनुराग को लगता था कि अगर नशा मुक्ति केंद्र जाएगा तो उसकी बेइज्ज्ती होगी। इसी बात को लेकर शुक्रवार देर रात भी झगड़ा शुरू हुआ था। काफी देर तक बहस होती रही, इस बीच ग्रामीणों ने आकर मामला शांत कराया। लेकिन इसके बाद भी उनके बीच झगड़ा होता रहा। इसके बाद देर रात होने के कारण गांव के लोग चले आए।
रात करीब ढाई बजे झगड़ा शांत हुआ। पति-पत्नी और बच्चे छत पर ही सो गए। जबकि मां घर के नीचे आकर सोईं। अनुराग छटपटाहट में कुछ देर टहलता रहा। सोने का नाटक करता रहा। सुबह करीब 5 बजे उसने घर के सभी लोगों को मार दिया। उसके मन में गुस्सा इस कदर था कि पत्नी को गोली मारने के बाद सिर हथौड़े से भी कूंचा।
नौकरी और काम न करने को लेकर भी होता था विवाद
बताया जा रहा है कि पति पत्नी के बीच नौकरी और पति के काम न करने को लेकर भी विवाद होता था। अनुराग पिछले तीन महीने से खेती के काम में कम रुचि ले रहा था। वह रोज शाम को शराब पीकर घर आता और गाली गलौज करता था।
पत्नी कहती थी कि अगर ऐसे ही पैसे बरबाद करते रहोगे तो बच्चों का पालन पोषण कैसे होगा। मैं अकेले नौकरी करके परिवार कब तक चला पाऊंगी। वह अनुराग को समझाने की कोशिश करती थी, लेकिन अनुराग झगड़ने लगता था। उसे लगता था कि पत्नी उसको कमाई के ताने मार रही है। इसी बात पर और विवाद बढ़ गया था।सीतापुर एसपी चक्रेश मिश्रा ने कहा- थाना रामपुर के पालापुर से सुबह करीब 7 बजे सूचना मिली थी। 45 साल के अनुराग ने अपने परिवार के 5 सदस्यों की हत्या की। इसके बाद उसने खुद को गोली मार ली।
मरने वालों में अनुराग की पत्नी प्रियंका (40), तीन बच्चे अरना (12), अरवी (7), आद्विक (8) और 62 साल की मां सावित्री सिंह हैं। परिवार का कोई भी सदस्य नहीं बचा है। उसने ऐसा क्यों किया, इसकी जांच चल रही है। पड़ोसियों के मुताबिक अनुराग सिंह शराब का आदी था। वह मानसिक तनाव में रहता था।