नई दिल्ली । उत्तर प्रदेश के पड़ोसी जिले हरदोई का जिक्र होते ही एक नाम अनायास ही दिमाग में आ जाता है, और वह नाम है नरेश अग्रवाल का। कई राजनीतिक दलों में रह चुके नरेश फिलहाल भाजपा में हैं और उनके बेटे नितिन अग्रवाल हरदोई सदर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। एक वक्त में जिले की राजनीतिक जमीन पर पूरी तरह से वर्चस्व रखने वाले नरेश अग्रवाल के बेटे नितिन के लिए इस सीट पर राह आसान नहीं है।
हालांकि पूरा परिवार नितिन को इस सीट पर जीट दिलाने के लिए सड़क पर है लेकिन पूर्व विधायक और समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे अनिल वर्मा भी जातीय गणित और अपने पुराने काम के दम पर आत्मविश्वास से भरे नजर आ रहे हैं। दरअसल हरदोई सदर के जातीय समीकरण कुछ ऐसे हैं कि भाजपा और नरेश अग्रवाल की टेंशन बढ़ी हुई है। जातीय गणित के मुताबिक, यहां सबसे ज्यादा करीब 16 फीसदी वोटर्स पासी बिरादरी के हैं। इसके अलावा 15 फीसदी मुस्लिम और 4.5 फीसदी यादव वोटर है।
इसके अलावा 10.32 फीसदी रैदास, 10.94 फीसदी ब्राह्मण, 14.92 फीसदी क्षत्रिय और 4.87 फीसदी वैश्य मतदाता हैं। अनिल खुद पासी बिरादरी से आते हैं। ऐसे में अगर समीकरण का साथ वोटों में तब्दील हुआ तो नितिन अग्रवाल के सपनों पर पानी फिर सकता है। यही वजह है कि नरेश का पूरा परिवार सड़क पर नितिन के लिए चुनावी प्रचार में जुटा है।