भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि नर्मदा जयंती को जन-उत्सव के रुप में मनाया जाये। स्थानीय निकाय और जन-सहयोग से विभिन्न उत्सवों को मनाने की व्यवस्था की जाए। महाशिवरात्रि सहित अन्य मेलों को प्रासंगिक बनाने की कार्य-योजना बना ली जाए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री तीर्थ-दर्शन योजना कोरोना की तीसरी लहर के बाद पुन: प्रारंभ करना है। कोविड संक्रमण नियंत्रित होते ही इसे प्रारंभ करें। रेलवे के अधिकारियों के साथ अभी से बात कर लें।
मुख्यमंत्री श्री चौहान आज मंत्रालय में आध्यात्म विभाग की समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे। बैठक में संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री सुश्री ऊषा ठाकुर, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस सहित विभागीय अधिकारी मौजूद थे।
- मंदिरों का हो जीर्णोंद्वार
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि जिलों के अमले, जनअभियान परिषद, संत-महात्माओं आदि का सहयोग लेकर आध्यात्म से संबंधित कार्यों को पूरा करें। उन्होंने कहा कि मंदिरों का जीर्णोंद्वार करायें। ऐसे देव स्थान जो शासन द्वारा संचालित नहीं हैं उनके जीर्णोंद्वार के प्रयास भी किये जायें। धर्मशालाओं, यात्री सेवा सदन का निर्माण जन-सहयोग से करें। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि वैदिक जीवन पद्धति के मॉडल के लिए विशेषज्ञों की राय ली जाये। मंदिर की जमीनों पर कब्जा करने वालों पर कठोर कार्यवाही होनी चाहिए। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मंदिर की देखरेख के लिए समिति रहे, जिसमें एक शासकीय व्यक्ति भी शामिल हो।
- देश में आनंदम विभाग से प्रदेश की पहचान बनी
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में आनंदम केंद्रों को और उपयोगी बनाने के लिए रणनीति बनायें। प्रदेश में 172 आनंदम केन्द्रों का संचालन हो रहा है। लोगों को आनंद प्रदान करना एक अद्भुत कार्य है। इसके लिए विशेष प्रयास करें। आनंदम विभाग से देश में प्रदेश की अलग पहचान बनी है। आनंद का वातावरण लोगों को कुंठा से बाहर निकालता है।