इजराइल-हमास में 9 महीने से जारी जंग के बीच प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू पहली बार विदेश दौरे पर अमेरिका पहुंचे हैं। उन्होंने बुधवार (25 जुलाई) को रात 11:30 बजे (भारतीय समयानुसार) अमेरिकी संसद के जॉइंट सेशन को संबोधित किया।
PM नेतन्याहू जब अमेरिकी संसद पहुंचे तो उन्हें 2 मिनट 16 सेकेंड का स्टैंडिंग ओवेशन दिया गया। इस दौरान कुछ सांसदों ने हूटि
ग भी की। वहीं टेस्ला के मालिक इलॉन मस्क भी बतौर गेस्ट संसद में मौजूद रहे। नेतन्याहू ने करीब 52 मिनट का भाषण दिया।
स्पीच की शुरुआत करते हुए उन्होंने कहा, "7 अक्टूबर को इजराइल पर हुआ हमला अमेरिका पर 9/11 के हमले के बराबर था। उन राक्षसों ने महिलाओं का रेप किया, पुरुषों के सिर काट दिए और बच्चों को जिंदा जला दिया। परिजनों की आंखों के सामने उनके अपनों को मार दिया गया। हमास 255 लोगों को घसीटकर गाजा के अंधेरे कैदखानों में ले गया।"
नेतन्याहू के संबोधन की बड़ी बातें...
हमास ने इजराइलियों के सामने उनके परिजनों को मार दिया गया। वो 255 लोगों को घसीटकर गाजा के अंधेरे कैदखानों में ले गए।
जब हम ईरान से लड़ते हैं तो हम एक हत्यारे देश के खिलाफ होते हैं। वह अमेरिका का सबसे बड़ा दुश्मन है।
हम सिर्फ अपनी नहीं, बल्कि आपकी रक्षा कर रहे हैं। ईरान अमेरिका, इजराइल और अरब देशों के लिए खतरा है।
मिडिल ईस्ट के दिल में इजराइल बसा हुआ है, जो बार-बार ईरान के मंसूबे पर पानी फेर देता है।
जीत बेहद करीब है। हमास के हारने से ईरान को झटका लगेगा। हम हिजबुल्लाह को भी कुचल
देंगे।
इजराइल का जन्म नाजी नरसंहार के बाद हुआ। 60 लाख यहूदी मारे गए थे। अब हम दुश्मनों के सामने कमजोर नहीं हैं।
संसद के बाहर प्रदर्शन कर रहे लोग ईरान के समर्थक और उनके मददगार हैं। वे सभी बेवकूफ हैं।
हमारी मांग है कि जंग खत्म होने के बाद गाजा में जो सरकार आए वो कभी इजराइल को नुकसान पहुंचाने की कोशिश न करे।
अमेरिका सैन्य मदद बढ़ाएगा तो हम युद्ध जल्द खत्म कर देंगे। हमारी जीत अमेरिका की जीत होगी।
'इजराइल की जीत अमेरिका की जीत होगी'
नेतन्याहू ने अमेरिकी सांसदों से कहा कि उन्हें इस भाषण से एक बात याद रखनी चाहिए कि इजराइल का दुश्मन अमेरिका का दुश्मन है। इजराइल की लड़ाई अमेरिका की लड़ाई है और इजराइल की जीत अमेरिका की जीत होगी।
नेतन्याहू ने कहा कि इजराइल की जंग बर्बरता और सभ्यता के बीच की लड़ाई है। यहां एक तरफ ऐसे लोग हैं जो मृत्यु को पूजते हैं और दूसरी तरफ जो जीवन को पवित्र मानते हैं। सभ्यता की इस लड़ाई में अमेरिका और इजराइल को साथ खड़े रहने की जरूरत है।
'बंधकों के घर लौटने तक सुकून से नहीं बैठूंगा'
हमास की कैद में मौजूद इजराइलियों के बारे में बात करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, "इन परिवारों ने जो दर्द झेला है उसे बयां नहीं किया जा सकता। मैंने कल भी उनसे मुलाकात की थी। मैंने उन्हें वादा किया है कि जब तक उनके परिजन घर नहीं लौटते, मैं सुकून से नहीं बैठूंगा।"
नेतन्याहू ने अमेरिका से और हथियार मांगे
नेतन्याहू ने कहा कि अमेरिका सैन्य मदद को और बढ़ाता है तो उन्हें युद्ध जल्दी खत्म करने में मदद मिलेगी। उन्होंने सेकेंड वर्ल्ड वॉर के दौरान चर्चिल का कथन दोहराया, 'हमें औजार दो हम काम पूरा कर देंगे।' नेतन्याहू ने कहा, "मैं अमेरिका से आज अपील करता हूं कि हमें औजार दिए जाएं और हम जल्द काम खत्म करेंगे।"
नेतन्याहू को गिरफ्तार करना चाहिए, उन्हें संसद में बुलाना शर्मनाक
नेतन्याहू के संबोधन से पहले बुधवार को अमेरिका की राजधानी वॉशिंगटन में कई जगहों पर प्रदर्शन हुए। फिलिस्तीन-समर्थक प्रदर्शनकारियों ने यूनियन स्टेशन पर अमेरिका का झंडा हटाकर कई छोटे फिलिस्तीन झंडे लगा दिए।
प्रदर्शन के चलते कैपिटल हिल और यूनियन स्क्वायर के आसपास की सड़कें बंद कर दी गईं थीं। प्रदर्शनकारियों ने अमेरिका का झंडा और नेतन्याहू का पुतला जलाया। उन्होंने अमेरिका की तरफ से इजराइल को दी जा रही सैन्य मदद बंद करने की मांग की।
नेतन्याहू की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए जहां वे ठहरे हैं, उस होटल के आसपास बाड़ लगाई गई है। इस दौरान पुलिस और सीक्रेट सर्विस एजेंट्स भी बड़ी संख्या में तैनात किए गए हैं। फिलिस्तीनी-अमेरिकी सांसद रशीदा तालिब ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर PM नेतन्याहू की गिरफ्तारी की मांग की।
उन्होंने कहा कि नेतन्याहू एक वॉर क्रिमिनल हैं, जो फिलिस्तीनी लोगों के खिलाफ नरसंहार कर रहे हैं। यह बेहद शर्म की बात है कि दोनों पार्टियों के नेताओं ने उन्हें संसद को संबोधित करने के लिए आमंत्रित किया। उन्हें गिरफ्तार कर इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट भेजा जाना चाहिए।
पहले भी डेमोक्रेटिक नेताओं ने बहिष्कार किया था, बाइडेन भी नहीं हुए थे शामिल
पिछली बार 2015 में जब नेतन्याहू ने तीसरी बार अमेरिकी संसद में संबोधन दिया था तो 58 सांसदों ने नेतन्याहू का बहिष्कार किया था। इसमें तत्कालीन उपराष्ट्रपति जो बाइडेन भी शामिल थे।
दरअसल नेतन्याहू ईरान के साथ न्यूक्लियर डील की आलोचना कर रहे थे। इससे अमेरिकी सांसद नाराज हो गए। उनका कहना था कि नेतन्याहू अमेरिका की विदेश नीति में दखल दे रहे हैं। इस बार भी कई डेमोक्रेटिक सांसदों ने कार्यक्रम का बहिष्कार किया।
युद्धविराम समझौते पर हो सकती है बातचीत
नेतन्याहू 25 जुलाई (गुरुवार) को राष्ट्रपति बाइडेन से मुलाकात करेंगे। इस दौरान दोनों नेताओं के बीच गाजा में युद्धविराम समझौते पर बातचीत हो सकती है। USA टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक राष्ट्रपति जो बाइडेन और उप-राष्ट्रपति कमला हैरिस दोनों ही मुलाकात के दौरान नेतन्याहू पर जंग रोकने का दबाव बना सकते हैं।
बाइडेन और कमला हैरिस के अलावा नेतन्याहू पूर्व राष्ट्रपति और रिपब्लिकन पार्टी से उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रम्प से भी मुलाकात करेंगे।